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Speech on Teachers Day : टीचर्स डे पर सुनाएं ये दमदार भाषण

Speech on teachers day in hindi

गुरु की महिमा का बखान भारत में प्राचीन समय से ही होता आ रहा है. महाभारत में गुरु द्रोणाचार्य, रामायण में गुरु वशिष्ठ की महानता रही है. (Speech on teachers day in hindi) मानव जीवन में गुरु को ईश्वर का दर्जा दिया गया है क्योंकि गुरु ही एक मनुष्य को सही और गलत की पहचान करने योग्य बनाता है.  

मनुष्य के जीवन में पहला गुरु उसकी मां होती है जो उसे दुनिया के बारे में बताती है लेकिन दूसरा स्थान गुरु का होता है जो व्यक्ति को सही-गलत के निर्णय लेना, उसे सही शिक्षा देना, उसे सही लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सुझाव देने का कार्य करता है. 

गुरु की महिमा हमेशा से ही निराली रही है. इस शिक्षक दिवस के अवसर पर आप भी अपने स्कूल में होने वाली प्रतियोगिता में दमदार भाषण (Speech on teachers day in hindi) देकर सबका दिल जीत सकते हैं. 

टीचर्स डे भाषण (Speech on teachers day in hindi)

टीचर्स डे के भाषण की शुरुआत हमेशा एक दोहे या फिर किसी अच्छे सुविचार से करें. इससे आपका भाषण प्रभावी बनता है. यहां हम आपको टीचर्स डे के भाषण का एक उदाहरण बताया रहे हैं. इसमें आप अपने हिसाब से कुछ परिवर्तन भी कर सकते हैं. 

गुरु गोविंद दौउ खड़े, काके लागूं पाय |

बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताए ||

अर्थात कबीरदास जी अपने एक दोहे में कहते हैं कि जब आपके सामने गुरु और भगवान दोनों खड़े हो तो सबसे पहले किसे प्रणाम करना चाहिए. आपको गुरु को ही प्रणाम करना चाहिए क्योंकि गुरु ही भगवान तक पहुँचने का रास्ता बताते हैं. 

हमारे जीवन में गुरु सबसे महान होते हैं इसलिए हमें सर्वप्रथम गुरु का ही वंदन करना चाहिए. 

हमारे जीवन को संवारने में माता-पिता के बाद सबसे यहां योगदान शिक्षक का होता है. शिक्षक हमें सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं देते बल्कि जीवन की तमाम समस्याओं का मुकाबला करने का मंत्र भी देते हैं.  

जिस तरह से हमारे माता-पिता ही हमारे भगवान होते हैं, उसी प्रकार से हमारे गुरु में भी ईश्वर का वास होता है. 

“गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः

गुरुर साक्षात परब्रह्म:, तस्मै श्री गुरुवे नमः”.

ये पंक्तियां हमें बताती हैं कि गुरु ही ईश्वर हैं और गुरु से बड़ा कोई नहीं. गुरु हमें हमारे लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सही रास्ता दिखाते हैं. (Speech on teachers day in hindi) वे अपने वर्षों के अनुभव को हमारे साथ साझा करते हैं जिस अनुभव से हम अपने जीवन में तरक्की करते हैं.  

हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teachers Day)  को हमारे पूर्व राष्ट्रपति तथा उप राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भी कहा है कि ‘पूरी दुनिया एक विद्यालय है, जहां हम कुछ न कुछ नया सीखते हैं. हमारे शिक्षक हमें केवल पढ़ाते ही नहीं हैं, बल्कि हमें अच्छे और बुरे के बीच का फर्क भी समझाते हैं. ’

उनकी कही ये बात हमें बताती है कि हमारे जीवन में शिक्षकों का होना कितना महत्त्वपूर्ण है और हम कितने सौभाग्यशाली हैं कि हमने अपने शिक्षकों से कितना कुछ सीखा है, अब भी सीख रहे हैं और आगे भी ऐसे ही सीखते रहेंगे.  

5 सितंबर 1988 को जन्मे डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के सर्वोच्च पद पर रहने के साथ ही एक महान शिक्षक, दार्शनिक एवं आस्थावान हिन्दू विचारक रहे. वर्ष 1954 में भारत सरकार ने उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया था. 

हमारे देश के एक महान शिक्षक ए पी जे अब्दुल कलाम भी रहे जिन्होंने छात्रों को व्याख्यान देते हुए अपना जीवन त्याग दिया था. (Speech on teachers day in hindi) पूरी दुनिया उन्हें मिसाइलमैन के नाम से जानती है. 

शिक्षक दिवस पर मैं अपने सभी शिक्षकों का आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने मुझे जीवन में काबिल बनने की ओर पथ प्रदर्शित किया है.  

अंत में बस यही कहना चाहता/चाहती हूँ कि हम भले ही अपने शिक्षक का साथ छोड़ सकते हैं लेकिन शिक्षक हमारा जीवन भर साथ देते हैं. उनकी शिक्षा हमें जीवन के हर मोड़  पर साथ देती है. आप सभी शिक्षकों का मेरे जीवन में महत्वपूर्ण योगदान है और मैं इसके लिए आपका हृदय से धन्यवाद करना चाहता हूँ. सभी शिक्षकों को मेरी तरफ से शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकांनाएं.  

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By रवि नामदेव

युवा पत्रकार और लेखक

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