Fri. Apr 26th, 2024
In the office talk to everyone. Image Source:pixabay.com

यदि आप किसी बड़ी या मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करने की इच्छा रखते हैं तो ज़रूरी है कि आपके पास आईक्यू, बैकग्राउंड और एक्सपीरियंस होना बेहद ज़रूरी है. इन सबके साथ एक और महत्वपूर्ण योग्यता है और वह है आपका सीक्यू. मुश्किल यह है की हममें से कई  लोगों को पता ही नहीं होता कि ये सीक्यू होता क्या है. 

What is cq? (क्या होता है सीक्यू)

सीक्यू मतलब ‘कल्चरल कोशचेंट’. कोई भी कंपनी नए उम्मीदवार को जॉब देते वक्त उसके सीक्यू को जांचती है. जब भी आप किसी नए देश, समुदाय और समाज के लोगों से मिलते हैं तो उनकी भाषा में बोलने और बॉडी लैंग्वेज को कॉपी करने का प्रयास करते हैं. आपकी यही कोशिश “कल्चरल इंटेलीजेंस” या “कल्चरल कोशचेंट” कहलाती है.

सीक्यू से सकारात्मक प्रभाव 

सामान्य सी बात है कि जब कोई बहरी व्यक्ति हमारी भाषा या कल्चर से घुलने-मिलने का प्रयास करता है तो वह हमारे करीब आने लगता है. ठीक ऐसा ही हमारे साथ भी होता है जब हम दूसरी जगह जाकर अपनी बॉडी लैंग्वेज को उनके जैसा करने की कोशिश करते हैं तो ये सामने वाले पर सकारात्मक असर डालती है.

संचार साधनों के साथ ही तकनीकी क्रांति आने के बाद पूरी दुनिया एक ग्लोबल विलेज में तब्दील हो गई है. ऐसे में सीक्यू की पहले की अपेक्षा अब अधिक ज़रूरत है. करियर के लिए भी यह बात लागू होती है. इसीलिए अब बैंक से लेकर सेनाओं सहित अन्य सभी जॉब में इस हुनर को परखा जाने लगा है.

विदेशों में चाहते हैं जॉब तो ज़रूरी है सीक्यू 

विदेशों में जॉब चाहते हैं तो आपका सीक्यू मज़बूत होना चाहिए. मल्टीनेशनल कंपनियां दूसरे देश के प्रोफेशनल को जॉब ऑफर करती हैं और ऐसे में आपको विदेशों में नौकरी पाने के लिए सीक्यू का होना जरूरी है. कामयाबी व तरक्की के लिए अलग-अलग देशों के लोगों से अच्छा तालमेल बनाना ज़रूरी है और इसलिए कंपनियों में सीक्यू लेवल चेक किया जाता है. 

कैसे मापा जाता है आपका सीक्यू 

सीक्यू लिए कुछ सवाल तय हैं, पहला होता है सीक्यू ड्राइव. इसका मतलब है कि आप किसी दूसरे देश, समुदाय या कल्चर के बारे में कितना जानना चाहते हैं. इसके बाद सीक्यू नॉलेज यानी किसी भी समुदाय के बारे में जानकारी और उसके और आप के समुदाय में फ़र्क़ की समझ होना भी बेहद ज़रूरी है. 

पहली प्रक्रिया के बाद सीक्यू स्ट्रैटेजी के सवालों से पता लगाने का प्रयास किया जाता है कि किसी और समाज या समुदाय के लोगों से तालमेल बिठाने की आप की रणनीति क्या है. साथ ही सीक्यू एक्शन से ये जानने का भी प्रयास किया जाता है कि आप किस तरह से सामने वाले के साथ तालमेल बिठाते हैं.

सीक्यू पर की जा चुकी हैं रिसर्च (Research done on CQ)

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सीक्यू को लेकर कई बार रिसर्च किए जा चुके हैं. इन रिसर्च के माध्यम से विदेशों में काम करने वालों के तरीक़ों को समझने की कोशिश की गई. जैसे कि विदेश में काम करने वाले, कैसे बदले हुए माहौल और सोसाइटी में तालमेल बैठाते हैं. वो नई ज़बान सीखने की कितनी कोशिश करते हैं और खान-पान व लोगों से मिलने-जुलने को लेकर क्या करते हैं?

सीक्यू बढ़ाने के लिए कर सकते है पढ़ाई 

जिनको विदेशों में जॉब करनी हो और कमजोर सीक्यू के कारण नहीं मिल रही हो, वे लोग सीक्यू बढ़ाने के लिए कोर्स कर सकते हैं. इसकी कोचिंग भी होती है. ऐसे ही कोर्स की मदद से बहुत से लोग अरब देशों के माहौल में अच्छे से ढालते देखे गए हैं. वहीं बिना सीक्यू ट्रेनिंग के वहां जाने वाले लोगों को तालमेल बैठाने में काफी वक़्त लग जाता है. 

(नोट : यह लेख आपकी जागरूकता, सतर्कता और समझ बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. अधिक जानकारी के लिए करियर काउंसिल से सलाह जरूर लें.)

By दीपेन्द्र तिवारी

युवा पत्रकार. लोकमत समाचार, Network18 सहित विभिन्न अखबारोंं में काम. Indiareviews.com में Chief Sub Editor.

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