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गिफ्ट डीड क्या होता है, गिफ्ट डीड पर कितनी स्टांप ड्यूटी लगती है?

gift deed kya hai

Gift Deed Kya hai? जन्मदिन और शादी के मौके पर गिफ्ट मिलना आम बात है. इन गिफ्ट को आप बिना किसी परेशानी के अपने पास भी रख सकते हैं लेकिन जब बात किसी प्रॉपर्टी के गिफ्ट में जाने की होती है तो उसके लिए आपको Gift Deed क्या है? इस बारे में जरूर जान लेना चाहिए.

भारत में काफी सारे लोग गिफ्ट के रूप में या दान के रूप में अपनी प्रॉपर्टी दे देते हैं. किसी भी प्रॉपर्टी को गिफ्ट में देने या दान में देने के अपने कुछ नियम हैं जिनका पालन करके आप किसी भी व्यक्ति को अपनी अचल संपत्ति दान या उपहार स्वरूप दे सकते हैं.

गिफ्ट डीड क्या होता है? (What is Gift Deed?) 

Gift Deed Kya hai? इससे पहले हम गिफ्ट यानि उपहार और दान की परिभाषा को समझते हैं.

गिफ्ट उन्हें कहते है जो कोई व्यक्ति खुश होकर किसी दूसरे व्यक्ति को देता है. उपहार में एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को कुछ भी दे सकता है. ज्वेलरी, कार, घर कुछ भी.

वहीं दान वो होता है जो कोई व्यक्ति किसी संस्था या किसी व्यक्ति को उसके उत्थान या सामाजिक कार्य के लिए देता है.

दोनों ही सूरतों में लेने वाले व्यक्ति को कोई पैसा नहीं चुकाना होता है. इसमें जो संपत्ति जा रही है वो संपत्ति देने वाले की जा रही है. गिफ्ट देने के बाद मालिकाना हक उस व्यक्ति का होता है जिस व्यक्ति को वो गिफ्ट दिया गया है. लेकिन इस हक के लिए गिफ्ट डीड की जरूरत होती है.

उपहार या दान के रूप में जब कोई ऐसी वस्तु दी जाती है जो चल संपत्ति होती है तो उसके लिए किसी कानूनी कार्यवाही की जरूरत नहीं पड़ती है. जैसे आपने किसी व्यक्ति को गिफ्ट में गोल्ड चैन दे दी तो उसके लिए आपको किसी प्रकार की कानूनी कार्यवाही करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

जब कोई व्यक्ति अपनी इच्छा से बिना किसी लेनदेन के किसी दूसरे व्यक्ति अचल संपत्ति जैसे जमीन, मकान, बंगला, बिल्डिंग या कोई भी प्रॉपर्टी गिफ्ट या दान में देता है तो उसके लिए एक कानूनी दस्तावेज़ बनता है जिसे गिफ्ट डीड या उपहार विलेख कहा जाता है.

गिफ्ट डीड के लिए महत्वपूर्ण तत्व (Important element of gift deed?) 

गिफ्ट डीड बनवाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण तत्व आवश्यक होते हैं.

1) गिफ्ट डीड कौन कर रहा है? ये सबसे ज्यादा जरूरी है. जिस व्यक्ति का उस संपत्ति पर मालिकाना हक़ है सिर्फ वही व्यक्ति उस प्रॉपर्टी को किसी व्यक्ति को गिफ्ट या दान में दे सकता है.

2) गिफ्ट डीड बिना किसी शर्त के दिया जाता है. मतलब जो प्रॉपर्टी आप दे रहे हैं उसके बदले में आपको कुछ भी नहीं मिलने वाला है. इसी आधार पर गिफ्ट डीड बनाए जाते हैं.
3) गिफ्ट डीड में इस बात का जिक्र भी होना चाहिए कि आप प्रॉपर्टी को गिफ्ट या दान में क्यों दे रहे हैं? गिफ्ट करने की वजह आपको लिखना जरूरी है.
4) जिस प्रॉपर्टी को आप गिफ्ट कर रहे हैं वो आपके नाम पर रजिस्टर होना बेहद जरूरी है. यदि वो रजिस्टर नहीं है तो उसकी कोई मान्यता नहीं है.

गिफ्ट डीड कैसे लिखते हैं? (Format of Gift Deed)

गिफ्ट डीड को बड़ी आसानी से कुछ चरणों में बनाया जा सकता है.
– गिफ्ट डीड में सबसे पहले गिफ्ट डीड की हेडिंग लिखें.
– इसके बाद दोनों पक्षों के नाम, उम्र और पता लिखें. दोनों पक्षों के फोटो लगाएँ.
– इसके बाद गिफ्ट डीड में उस संपत्ति का जिक्र करें जिसे आप गिफ्ट या दान में दे रहे हैं.
– गिफ्ट डीड में दो गवाहों की साइन उनके नाम और पते के साथ करवाएँ.
– अंत में गिफ्ट डीड को रजिस्टर करवाना होता है जिसे आप रजिस्ट्रार ऑफिस से करवा सकते हैं.

गिफ्ट डीड स्टांप ड्यूटी (Gift Deed Stamp Duty)

गिफ्ट डीड के माध्यम से आप अपनी संपत्ति को किसी और के नाम पर स्थानांतरित करते हैं. मतलब उसे मालिकाना हक देते हैं. इसलिए जब आप इसे रजिस्टर करवाते हैं तो आपको स्टांप ड्यूटी भी चुकानी होती है. गिफ्ट डीड में भी स्टांप ड्यूटी आपको उतनी ही चुकानी होगी जितनी एक प्रॉपर्टी को रजिस्टर करवाने के लिए चुकानी होती है. ये अलग-अलग एरिया के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है.

गिफ्ट डीड एक तरह का सबूत होता है कि आपको जो प्रॉपर्टी मिली है उसे आपने खरीदा नहीं बल्कि उपहार में मिली है या फिर दान में मिली है. इसके मालिक आप ही रहेंगे लेकिन इसके लिए आपको कोई मूल्य नहीं चुकाना पड़ेगा.

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