सनातन धर्म में गुरु को विशेष दर्जा दिया गया है. एक शिष्य के लिए गुरु उसका सच्चा मार्गदर्शक होता है. आपने सुना भी होगा ‘गुरु बिन ज्ञान कहाँ’. हालांकि आज के ऑनलाइन जमाने में लोग सेल्फ स्टडी पर ज्यादा भरोसा करने लगे हैं लेकिन सेल्फ स्टडी करने के लिए भी आपको एक गुरु (Guru Purnima 2022) की आवश्यकता होती ही है.
बिना गुरु के आप अंधकार में चल रहे एक भटके राही के समान हो. गुरु की महिमा के चलते ही सदियों से ज्ञान का विस्तार होता आ रहा है. एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक ज्ञान का पहुँचना गुरु से ही संभव हो पाया है. इसलिए गुरु का विशेष महत्व है.
गुरु पूर्णिमा के बारे में काफी सारी जानकारी आप इस लेख में जान सकते हैं जैसे गुरु पूर्णिमा कब है? गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है? गुरु पूर्णिमा कैसे मनाई जाती है? गुरु पूर्णिमा के सुविचार.
गुरु पूर्णिमा कब है? (Guru Purnima Kab hai?)
गुरु पूर्णिमा हर वर्ष मनाई जाती है. हिन्दी पंचांग के अनुसार हर वर्ष के आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2022) के रूप में मनाया जाता है. अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से ये हर वर्ष अलग-अलग तारीखों को आती है. साल 2022 में गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई 2022, बुधवार को है.
गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है? (Why is Guru Purnima celebrated in India?)
हर वर्ष गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है इस बात को तो सभी जानते हैं लेकिन गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है इस बात को काफी कम लोग जानते हैं.
रामायण और महाभारत दो प्रमुख भारतीय महाकाव्य हैं जो हिन्दू धर्म से जुड़े हैं. इनमें से रामायण की रचना तो महर्षि वाल्मीकि जी ने की है वहीं महाभारत की रचना वेद व्यास जी ने की है.
वेद व्यास जी को हिन्दू धर्म शास्त्रों के मुताबिक तीनों कालों का ज्ञाता माना जाता है. महर्षि वेदव्यास ही वो व्यक्ति थे जिनहोने वेदों को चार भागों में विभाजित करके उनका अध्ययन किया और लोगों को वेदों का ज्ञान दिया.
इन्हें महर्षि कृष्णद्वैपायन वेदव्यास के नाम से जाना जाता है. ये महर्षि पराशर और सत्यवती के पुत्र थे. महर्षि वेदव्यास महाभारत, अठारह पुराण, श्रीमदभागवत गीता, मीमांसा जैसे साहित्य दर्शन के प्रणेता हैं.
महर्षि वेदव्यास का जन्म आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन हुआ था. इसलिए इस दिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है क्योंकि महर्षि कृष्णद्वैपायन वेदव्यास ही वो व्यक्ति हैं जिनहोने वेदों का ज्ञान मनुष्यों को दिया.
गुरु पूर्णिमा की पूजा कैसे करें? (Guru Purnima Kaise Manai Jati hai?)
भारत में हिन्दू धर्म के लोग इस दिन अपने गुरुओं का सम्मान करते हैं. उनकी पूजा करते हैं, उन्हें उपहार भेंट करते हैं और उनसे आशीर्वाद लेते हैं लेकिन इस दिन वेदव्यास जी की पूजा भी करनी चाहिए.
– गुरु पुर्णिमा के दिन प्रातःकाल में नित्य कर्मों से मुक्त होकर स्नान करना चाहिए.
– शुद्ध और स्वच्छ वस्त्र धारण करें. काले रंग के वस्त्र धारण न करें, हल्के रंग के वस्त्र पहने.
– इसके बाद वेदव्यास जी की फोटो पर पीले फूलों की माला चढ़ाएँ.
– उन्हें कुमकुम और अक्षत अर्पित करें.
-इसके बाद द्वीप प्रज्वाललित कर उनकी आरती करें.
– वेदव्यास जी का आशीर्वाद लें.
– इसके बाद अपने गुरुजनों को ऊंचे आसन पर सुसज्जित कर उन्हें पुष्पमाला पहनाएं.
– उनका तिला करें, उन्हें वस्त्र और फल भेंट करके उनका आशीर्वाद लेना चाहिए.
गुरु पुर्णिमा सुविचार (Guru Purnima Best wishesh and Quotes)
गुरु पूर्णिमा पर यदि आप अपने गुरुजनों को गुरु पूर्णिमा की बधाई (Guru Purnima Badhai Sandesh) भेजना चाहते हैं, नीछे दी गई शुभकामनाएँ भेज सकते हैं.

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