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Ajit Doval Biography : 7 सालों तक मुस्लिम बने, जानिए क्यों कहलाए Indian James Bond

ajit doval story in hindi

जब भारत के जासूसों की बात की जाती है तो उनमें अजीत डोभाल (Who is Ajit Doval?) का नाम सबसे पहले याद आता है. याद आए भी क्यों न? अजीत डोभाल ने पाकिस्तान में रहकर ऐसे-ऐसे कारनामे किए हैं जो पाकिस्तान ने सोचे न होंगे. अजीत डोभाल लंबे समय तक भारत के लिए एक जासूस का काम करते रहे हैं और आज ऐसी पोस्ट पर हैं जो केबिनेट मिनिस्टर के बराबर होती है. अजीत डोभाल ने भारत सरकार के अंतर्गत एक लंबे समय तक कार्य किया है.

अजीत डोवाल की कहानी (Ajit Doval Biography in Hindi) 

भारत के सबसे शक्तिशाली ब्यूरोक्रेट अजीत डोभाल का जन्म 20 जनवरी 1945 (Ajit Doval Story) को उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल जिले में हुआ था. अजीत के पिता जी एन डोभाल एक आर्मी ऑफिसर हुआ करते थे. उनके पिता से ही उन्हें देश सेवा का जज्बा मिला है.

अजीत डोभाल की एजुकेशन (Ajit Doval Education) की बात करें तो स्कूल की पढ़ाई इनहोने अजमेर मिलिटरी स्कूल, राजस्थान से की है. इसके बाद साल 1967 में आगरा यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में मास्टर्स किया था. उन्हें Dr. Bhimrao Ambedkar University, Kumaun University, Amity University के द्वारा Doctorate की उपाधि भी दी गई है.

अजीत डोभाल का करियर (Ajit Doval Career) 

अजीत डोभाल ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू की. साल 1968 में वे आईपीएस बने और उन्हें केरला कैडर मिला. वे Kottayam जिले के ASP बने थे. आईपीएस में कुछ सालों तक देश की सेवा करने के बाद इन्हें Intelligence Bureau (IB) का निदेशक बनाया गया. आईबी में निदेशक के पद पर रहते हुए अजीत ने 2014 तक कार्य किया. इसके बाद इन्हें National Security Advisor बना दिया गया. जो देश और प्रधानमंत्री की सुरक्षा के सलाहकार होते हैं.

अजीत डोवाल के पाकिस्तान के किस्से (Ajit Doval Pakistan History) 

अजीत डोभाल जब आईबी में थे तो उन्होने कई ऐसे मिशन को अंजाम दिया है जो असंभव से थे. पाकिस्तान में अजीत डोभाल भेष बदलकर 7 सालों तक रहे हैं. कई बार अजीत डोभाल पकड़े ही जाने वाले थे लेकिन अपनी सूझ-बूझ के कारण वे बचते रहे.

रोका परमाणु परीक्षण (Ajit Doval Pakistan Nuclear Story) 

साल 1972 में जब भारत ने परमाणु परीक्षण किया तो पाकिस्तान ने भी गुप्त रूप से परमाणु परीक्षण करना शुरू किया. इस बात की भनक भारत को लग गई. भारत की ओर से अजीत डोभाल को पाकिस्तान में ये पता करने के लिए भेजा गया कि वहां परमाणु परीक्षण चल रहा है या नहीं.

अजीत खान रिसर्च सेंटर के सामने भिखारी बनकर बैठ गए और हर आने-जाने वाले व्यक्ति पर नजर रखने लगे. उन्होने अपनी बुद्धिमता से पता लगाया कि वहां पर परमाणु हथियार बनाने का काम चल रहा है. इस बात की जानकारी भारत के प्रधानमंत्री को दी लेकिन उन्होने कोई एक्शन नहीं लिया. लेकिन ये बात पाकिस्तान को जब पता लगी तो उन्होने अपने परमाणु कार्यक्रम को 15 साल के लिए स्थगित कर दिया.

क्या तुम हिन्दू हो? (Ajit Doval Pakistan Spy story) 

अजीत डोभाल जब पाकिस्तान में थे तो एक व्यक्ति ने अजीत से पूछा कि क्या तुम हिन्दू हो? उस समय अजीत एक मुस्लिम के वेश में थे. अजीत ने कहा नहीं मैं मुस्लिम हूँ. उस आदमी ने कहा तुम झूठ बोल रहे हो. तुम हिन्दू हो. उनके मना करने पर वो व्यक्ति उन्हें कुछ दूरी पर स्थिति खुद के घर पर ले गया और बोला तुम हिन्दू हो. तुम्हारे कान छिदे हुए हैं. मैं भी एक हिन्दू हूँ और जानता हूँ. इन लोगों ने मेरे परिवार को खत्म कर दिया है. तुम सतर्क रहो और अपने कान की सर्जरी करवा लो.

अजीत डोभाल के सफल मिशन (Successful Mission of Ajit Doval) 

अजीत डोभाल जिस मिशन में अपना हाथ डालते थे वो मिशन सफल होता था. अजीत डोभाल ऐसा दिमाग लगाते थे कि विरोधी का सिर चकरा जाता था और वो आत्मसमर्पण कर देता था. देश की सुरक्षा को संभालने की उनके अंदर अद्भुत कला थी. उनके कुछ प्रमुख मिशन थे जिसमें उन्होने दुश्मन को लोहे के चने चबवाये थे.

1) साल 1984 में जब खलिस्तानियों ने अमृतसर मंदिर पर कब्जा कर लिया था. तब अजीत डोभाल एक रिक्शा चालक बनकर मंदिर के आसपास घूमने लगे. आतंकवादियों को उन पर शक हो गया और वो उन्हें पकड़कर अंदर ले गए. जिस पर अजीत ने कहा कि वो आईएसआई एजेंट है और उनकी मदद करना चाहता है. इस तरह उन्हें विश्वास में ले लिया. उनके साथ वे तीन दिन रहे और सारी जानकारी जुटाई. इसके बाद इंडियन आर्मी के ब्लैक कैट कमांडो को सारी जानकारी देकर अंदर भेजा और आतंकवादियों के छक्के छुड़ा दिये.

2) साल 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 को हाई जैक कर लिया गया था. तब हाईजैकर से बातचीत करके इनहोने ही इस मामले को सुलझाया था.

3) मिजोरम जो भारत का नॉर्थ ईस्ट इस्टेट है. वहाँ पहले अलग होने की मांग चल रही थी. इस मांग को करने वाला वहाँ का एक संगठन MALF था जिसे लाल डेंगा नाम का कमांडर चलाता था. अजीत डोभाल को इनसे बात करने के लिए अकेले भेजा गया. वे इनसे मिलने से पहले इनके 6 कमांडर के पास गए और उन्हें अपने विश्वास मे ले लिया. इसके बाद लाल डेंगा के पास गए और उसके पास सरकार से सम्झौता करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा.

अजीत डोभाल सैलरी (Ajit Doval Salary) 

साल 2016 में पीएमओ की ओर से कई अधिकारियों की सैलरी सार्वजनिक की गई थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक उस समय अजीत डोभाल की सैलरी 1 लाख 62 हजार 500 रुपये प्रतिमाह बताई गई थी.

अजीत डोभाल ने इस तरह के कई मिशन किए है. साल 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक में अजीत डोभाल ने पूरी प्लानिंग की थी. इस स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान को बहुत बड़ा झटका लगा और वो जान गया कि भारत जवाब देना जानता है.

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