Sat. May 4th, 2024

कई लोग कम कीमत या कम बजट के कारण सेकंड हैंड बैक खरीद (Buy Second hand bike) लेते हैं. सेकंड हैंड बाइक (Second Hand Bike) खरीदना कई बार फायदे का सौदा होता है क्योंकि आपको कम कीमत में बाईक मिल जाती है. लेकिन कई बार सेकंड हैंड बाइक खरीदना आपके लिए घाटे का सौदा भी हो सकता है. इसलिए सेकंड हैंड बाइक, स्कूटर या स्कूटी खरीदते वक़्त आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.

मार्केट में रिसर्च करें (Market research for second hand bike)

किसी भी नई बाइक को लेने से पहले आप दस जगह से पता लगाते हैं कि वो बाइक कितने की मिल रही है, उसमें क्या-क्या फीचर्स हैं, कितना माइलेज देती है? ऐसी ही बाते आपको सेकंड हैंड बाइक के बारे में भी पता लगाना चाहिए. आपको ये देखना चाहिए कि जिस तरह की सेकंड हैंड बाइक आप खरीद रहे हैं उसकी मार्केट वैल्यू क्या है? वो कितने साल पुरानी है? इस तरह की मार्केट रिसर्च करने के बाद ही किसी बाइक को खरीदने का मन बनाए.

किससे खरीदे सेकंड हैंड बाइक (Who sell second hand bike?)

सेकंड हैंड बाइक आप खरीदना तो चाह रहे हैं लेकिन खरीदें किससे? ये सबसे बड़ी समस्या होती है जब आप सेकंड हैंड बाइक खरीदना चाहते हैं. सेकंड हैंड बाइक आप कई जगह से खरीद सकते हैं. जैसे सीधे सेकंड हैंड बाइक के शोरूम से, ऑनलाइन ओएलएक्स या किसी अन्य वेबसाइट की सहायता से, किसी मैकेनिक के जरिये, या सीधे किसी बाइक के मालिक से. आप चाहे जहां से खरीद सकते हैं लेकिन सेकंड हैंड बाइक खरीदते वक़्त सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात ये है की जो बाइक आप खरीद रहे हैं वो ज्यादा पुरानी न हो और उसके इंजन से कोई छेड़छाड़ न की गई हो. सेकंड हैंड बाइक को आप अपने किसी रिश्तेदार या किसी ऐसे व्यक्ति से भी खरीद सकते हैं जो बाइक का रखरखाव अच्छे से करता हो.

मैकेनिकल जांच करवाएँ (How to check second hand bike?)

सेकंड हैंड बाइक खरीदने में जो सबसे ज्यादा धोखेबाज़ी होती है वो इंजन के मामले में होती है. कई बार इंजन के साथ छेड़छाड़ करके नए पार्ट्स की जगह पर पुराने और काम चलाऊ पार्ट्स लगा दिये जाते हैं जो काफी सस्ते होते हैं. ये कुछ महीनों तक तो ठीक से चल जाते हैं लेकिन इसके बाद ये आपकी बाइक में लंबा खर्च निकाल देते हैं. इसलिए किसी भी बाइक को खरीदने से पहले अपनी पहचान के किसी मैकेनिक को जरूर दिखाएँ. मैकेनिक बहुत बारीकी के साथ आपकी बाइक की जांच कर सकता है. जिसमें वो काफी सारी चीजें देख सकता है. जैसे

– इंजन से ऑइल लीकेज तो नहीं हो रहा.
– बाइक में कोई बड़ा डेंट या खरोंच तो नहीं है.
– वाहन का एक्सिडेंट हुआ है या नहीं.
– इंजन के सभी पार्ट्स अच्छे हैं या नहीं.
– बाइक का माइलेज कैसा है, इसका पता आप टायर की हालत को देखकर लगा सकते है.

पेपर्स की जांच करें (Paper work for second hand bike)

सेकंड हैंड बाइक में इंजन की जांच करने के बाद सबसे ज्यादा जरूरी बात आती है पेपर वर्क की. मैकेनिकल जांच से संतुष्ट होने के बाद आपको पेपर की भी जांच कर लेनी चाहिए.

– पेपर वर्क में आप उस बाइक का आरसी देखें जिस पर गाड़ी मालिक का नाम, चेचिस नंबर आदि होगा. इन सभी को वेरिफ़ाई भी करें ताकि आपको पता लग सके कि जिस नंबर पर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन हुआ है ये वही गाड़ी है और उसका असली मालिक भी यही है.

– वाहन के बीमा के बारे में भी जानकारी रखें. पता लगाएँ कि क्या वाहन के मालिक ने वाहन का बीमा करवा रखा है. यदि करवा रखा है तो वह कितने समय का और बाकी है.

– आप जिस वाहन को खरीद रहे हैं उसका पीयूसी है या नहीं. अगर नहीं है तो आप खुद भी इसे बनवा सकते हैं.

– किसी बाइक का मालिक कुछ ही महीनों पुरानी बाइक को बेच रहा है तो उसके लोन की स्थिति के बारे में भी पता लगाएँ. वाहन के मालिक से उसका पूरा बिल लें और यदि उसने गाड़ी को फाइनेंस करवाया है तो उससे एनओसी लें.

सेकंड हैंड बाइक खरीदते वक़्त आपको बेहद सावधानी बरतने की जरूरत होती है क्योंकि कभी-कभी चोरी की गाड़ियों की नकली आरसी बनाकर आपको बेच दी जाती है या फिर कई गाड़ियों के इंजन में बदलाव करके उन्हें बेचा जाता है. जिसके कारण सेलर बड़ा फायदा कमाते हैं. आप गाड़ी खरीदते वक़्त पूरी तरह संतुष्टि करें इसके बाद ही किसी सेकंड हैंड बाइक को खरीदने का मन बनाएँ.

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