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सोमनाथ यात्रा : सोमनाथ कैसे जाएं, सोमनाथ से द्वारका की दूरी?

भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक प्रमुख ज्योतिर्लिंग है सोमनाथ ज्योतिर्लिंग (Somnath Jyotirling). इस मंदिर की महिमा काफी निराली है क्योंकि इस मंदिर पर लगभग 17 बार आक्रमण किए गए, इस मंदिर को लूटा गया, तहस-नहस किया गया. इतने सब होने के बाद भी इस मंदिर को बार-बार बनाया गया. आज ये मंदिर भारत का प्रसिद्ध मंदिर बन गया है जहां देश और विदेश से लोग शिवलिंग के दर्शन करने आते हैं.

सोमनाथ मंदिर कहां पर है? (Where is Somnath temple situated?)

सोमनाथ मंदिर गुजरात के सौराष्ट्र (Sourashtra) में स्थित है. यहाँ पर ये वेरावल (Veraval) से कुछ दूरी पर स्थित है.

सोमनाथ मंदिर का रहस्य (Secret of somnath temple)

सोमनाथ मंदिर के प्रथम निर्माण का कार्य स्वयं चंद्रदेव सोमनाथ ने किया था. इससे जुड़ी कथा के अनुसार चन्द्रदेव का विवाह राजा दक्ष की सत्ताईस पुत्रियों के साथ हुआ था. इन सबमें चन्द्रदेव सिर्फ एक ही पत्नी से ज्यादा प्रेम करते थे. दक्ष ने अपनी पुत्रियों के साथ अन्याय होता देख चन्द्रदेव को श्राम दे दिया की आज से तुम्हारी चमक और तेज धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा. इसके बाद चन्द्रदेव की चमक हर दूसरे दिन घटने लगी. इस श्राप से परेशान होकर चन्द्रदेव ने भगवान शिव की आराधना शुरू की. भगवान शिव ने आराधना से प्रसन्न होकर उन्हें श्राप से मुक्ता किया. श्राप से मुक्त होने के बाद चन्द्रदेव ने उसी स्थान पर भगवान शिव के मंदिर का निर्माण कराया और उसका नाम सोमनाथ मंदिर रखा.

सोमनाथ मंदिर किसने बनवाया (Who made somnath temple?)

सोमनाथ मंदिर को सबसे पहले राजा सोमनाथ या चन्द्रदेव ने बनवाया था लेकिन मुगल राजाओं ने इस पर कई बार आक्रमण किए जिसमें इन मंदिरों का खजाना लूटा गया तथा मंदिर को तहस-नहस किया गया. आजाद भारत में इस मंदिर के पुनर्निर्माण का कार्य सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 1951 में करवाया था. इनसे पहले इस मंदिर का निर्माण भारत के विभिन्न राजाओं ने करवाया था. ये वल्लभी के यादव राजा, गुर्जर प्रतिहर वंशके नागभट्ट द्वितीय, चालुक्य राजा मूलराज, राजा कुमारपाल, राजा महीपाल थे.

सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण (Attack on somnath temple)

इतिहासकारों के अनुसार सोमनाथ मंदिर पर 17 बार आक्रमण किए गए हैं. इनमें से कुछ प्रमुख आक्रमण हैं जिनमें सोमनाथ मंदिर को तहस-नहस किया गया. ये आक्रमण 725 ईस्वी में सिंध के गवर्नर अल जुनैद ने किया था, इनके बाद महमूद गजनवी द्वारा कई बार इस मंदिर पर आक्रमण किया गया था.

सोमनाथ जाने का सही समय (Right time for somnath darshan)

सोमनाथ मंदिर आप सालभर में कभी भी जा सकते हैं. अगर आप भीड़ से बचना चाहते हैं तो महाशिवरात्री पर न जाए. इस दिन यहां काफी ज्यादा भीड़ होती है. सोमनाथ जाने के लिए आप बरसात के दिनों का समय छोड़ सकते हैं क्योंकि बरसात में कब कहाँ कैसा मौसम हो जाए कह नहीं सकते. इसके अलावा आप चाहे तो गर्मियों और सर्दियों में आराम से यहां जा सकते हैं.

सोमनाथ मंदिर से द्वारका की दूरी (Somnath and dwarka distance)

सोमनाथ मंदिर से अगर आप श्रीकृष्ण की नगरी द्वारका जाना चाहते हैं तो आप यहां से आसानी से बस या किसी वाहन के द्वारा जा सकते हैं. सोमनाथ मंदिर से द्वारका की दूरी लगभग 260 किलोमीटर है जिसे आप एक दिन में तय कर सकते हैं.

सोमनाथ कैसे जाएं? (How to go somnath?)

आप हवाईजहाज, ट्रेन, बस या निजी वाहन से सोमनाथ आ सकते हैं. अगर आप हवाई जहाज से आना चाहते हैं तो आपको नजदीकी एयरपोर्ट केशोड नामक स्थान पर पड़ेगा. यहां से मुंबई के लिए सीधी फ्लाइट मिलती है. केशोड से आपको बस या टैक्सी की मदद से सोमनाथ जाना होगा.

अगर आप ट्रेन से जाना चाहते हैं तो यहां का नजदीकी रेल्वे स्टेशन वेरावल है. इस स्टेशन पर आप अहमदाबाद से आ सकते हैं. अगर आप यहां बस से आना चाहते हैं तो पूरे राज्य में कहीं से भी आपको वेरावल के लिए बस मिल जाएगी.

सोमनाथ में कहां ठहरे (Stay facility in somnath)

सोमनाथ घूमने जाना है तो वहां रुकने की व्यवस्था भी करनी होगी. यहां पर रुकने के लिए काफी अच्छी व्यवस्था है. मंदिर के आसपास ही श्री सोमनाथ ट्रस्ट द्वारा पर्यटकों को किराए पर कमरे उपलब्ध कराये जाते हैं. आप ट्रस्ट द्वारा संचालित सागर दर्शन अतिथि गृह, लीलावती अतिथि गृह, माहेश्वरी समाज अतिथि गृह, तन्ना अतिथि गृह, संस्कृति भवन में रुक सकते हैं. इन सभी का किराया अलग-अलग है.

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