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ज्योतिष में बुध ग्रह का महत्व और कुंडली के 12 भावों में बुध का फल

ज्योतिष के अनुसार हमारा भविष्य कैसा होगा ये ग्रहों की चाल पर निर्भर करता है. ज्योतिष के अनुसार नौ ग्रह है जिनका आपकी कुंडली में अपना महत्व होता है. हर ग्रह की अपनी खासियत होती है. इस लेख में आप जानेंगे की बुध ग्रह का क्या महत्व है? बुध ग्रह के क्या प्रभाव हैं? बुध ग्रह के उपाय क्या हैं?

बुध ग्रह

बुध को इंग्लिश में Mercury कहा जाता है. ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक बुध एक तटस्थ ग्रह है ये कुंडली में अपनी स्थिति के अनुसार ही परिणाम देता है. बुध को ज्योतिष में वाणी का कारक माना जाता है. अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध गलत स्थान पर है तो वाणी के कारण उसके कई कार्य बिगड़ सकते हैं. इसके कारण व्यक्ति का अपनी वाणी पर नियंत्रण नहीं रहता है.

बुध का प्रभाव

ज्योतिष में बुध ग्रह को एक शुभ ग्रह माना जाता है. ये हमारी कुंडली में 12 स्थानों पर अलग-अलग प्रभाव डालता है. इसके अलावा ये ग्रहों की संगति के अनुसार फल देता है. यदि ये शुभ ग्रहों के साथ होगा तो शुभ फल देगा और अशुभ ग्रहों के साथ होगा तो अशुभ फल देगा. ज्योतिष के मुताबिक सूर्य और शुक्र बुध के मित्र हैं और चंद्रमा तथा मंगल शत्रु ग्रह है. बुध मिथुन और कन्या राशि का स्वामी होता है यानि इन दो राशियों के लिए बुध शुभ रहता है.

बुध का मानव जीवन पर प्रभाव

ज्योतिष में बुध को बुद्धि, तर्क, मित्रता और वाणी का कारक माना जाता है. यदि जातक की कुंडली के लग्न भाव में बुध हो तो व्यक्ति शारीरिक रूप से सुंदर होता है. उसकी उम्र काफी कम दिखती है, आंखे चमकदार होती हैं. लग्न भाव में बुध होने से जातक स्वभाव से तर्कसंगत और बौद्धिक रूप से धनी होता है. बुध ग्रह के प्रभाव से जातक की संवाद शैली कुशल होती है. वह हाजिर जवाब होता है तथा अपनी बातों और तर्कों से सबका मन मोह लेता है.

यदि जातक की कुंडली में बुध की स्थिति अच्छी नहीं होती या वो किसी बुरे ग्रह के साथ होता है तो ये जातक के लिए सही नहीं होता है. ऐसा होने से जातक को शारीरिक तथा मानसिक रूप से समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इसके बुरे प्रभाव के कारण जातक अपने विचारों को स्पष्ट रूप से रख नहीं पाता है. पीड़ित बुध के प्रभाव से व्यक्ति को कारोबार में हानि का सामना करना पड़ता है.

कुंडली के 12 भावों में बुध का प्रभाव

 कुंडली के पहले भाव में बुध का प्रभाव : पहले भाव में बैठा बुध आपको धर्म पर मनन करने वाला बनाता है. आप दूसरों के प्रिय बनते हैं. आप ज्ञानवां, चिंतक, त्यागी, लेखक, गणितज्ञ, चिकित्सक आदि बन सकते हैं. आपका व्यक्तित्व गंभीर, मधुरभाषी और संयमी होता है.

कुंडली के दूसरे भाव में बुध का प्रभाव : दूसरे भाव में बैठा बुध आपको खूब धन कमाने वाला व्यक्ति बनाता है. आप यात्रा प्रेमी और पाप से दूर रहने वाले होते हैं. आप अच्छी चीजों के शौकीन होते हैं, परिवार में प्रिय होते हैं. धन की आपके पास कोई कमी नहीं होती है.

कुंडली के तीसरे भाव में बुध का प्रभाव : तीसरे भाव में बैठा बुध आपको साहसी, समाज का सहायक, धन कमाने वाला बनाता है. आप ज्योतिष और रहस्यमयी चीजों में रुचि रखते हैं. परंतु आप स्वार्थी नहीं होते हैं. आप संयमी , दयालु, निरंतर यात्रा करने वाले बनते हैं.  

कुंडली के चौथे भाव में बुध का प्रभाव : चौथे भाव में बैठा बुध आपको परिवर्तनशील बनाता है. आप चंचल और बेशर्म होते हैं. लेकिन बुद्धिमान भी होते हैं. आपको अचल सम्पत्तियों से अच्छा लाभ प्राप्त होता है. आप संगीत के प्रेमी और गायन में रुचि रखने वाले होते हैं.

कुंडली के पांचवे भाव में बुध का प्रभाव : पांचवे घर में बैठा बुध आपको संगीत का ज्ञाता बनाता है. आप जीवन साथी का प्रेम पाते हैं, बुद्धिमान होते हैं. आप एक अच्छे सलाहकार के रूप में काम करते हैं. आपको धन की कोई कमी नहीं होती है. आप वाद-विवाद में भी कुशल होते हैं.

कुंडली के छठे भाव में बुध का प्रभाव : छठे भर में बैठा बुध आपको अति बुद्धिमान और मातृभक्त बनाता है. आप अपने संबंधियों से विरोध और क्रूर प्रकृति पाते हैं. आपके नौकर भी आपको कष्ट देने वाले होते हैं. आप औषधियों, भोजन के विषय में अच्छा ज्ञान रखते हैं.

कुंडली के सातवे भाव में बुध का प्रभाव : सातवे भाव में बैठा बुध आपको ज्ञानवान बनाता है. आपकी किस्मत आपकी शादी के बाद खुलती है. आप स्वभाव से हंसमुख होते हैं और बच्चों के साथ आपका विशेष संबंध होता है. आप सत्य का पालन करते हैं. आप अपनी बुद्धि से किसी को भी प्रभावित कर सकते हैं. आप अच्छे लेखक हो सकते हैं.

कुंडली के आठवे भाव में बुध का प्रभाव : आठवे भाव में बैठा बुध आपको अच्छा पद दिलाता है. आपका स्वभाव कोमल होता है, आप मेजबानी करने वाले व्यक्ति होते हैं. आप सहजता से धन कमाते हैं, सकारात्मक सोच रखते हैं और विदेश में मान पाते हैं. किशोरावस्था में आपका स्वस्थ्य गड़बड़ हो सकता है.

कुंडली के नौवे भाव में बुध का प्रभाव : नौवे भाव में बैठा बुध आपको ज्ञानवान, धनी, धार्मिक और पत्नी समर्पित बनाता है. आप पत्नी से बुद्धिमान संतान पाते हैं. आप सात्विक आय प्राप्त करते हैं. निरंतर विदेश यात्राएं भी कर सकते हैं. आप बहुत दयावान और सभ्य होते हैं. अपने परिवार का नाम ऊंचा करते हैं.

कुंडली के दसवे भाव में बुध का प्रभाव : दसवे भाव में बैठा बुध आपको शास्त्रों का ज्ञाता और एक बुद्धिमान व्यक्ति बनाता है. आप सात्विक तरीके से अपना जीवन जीना पसंद करते हैं. आप रिशतेदारों से प्रेम रखते हैं तथा उनकी सहायता करते हैं. आप तीक्षण बुद्धि के स्वामी, कुशल वक्ता तथा विनोदी होते हैं.

कुंडली के ग्यारहवे भाव में बुध का प्रभाव : आप कलाओं में रुचि लेने वाले होते हैं. आपकी रुचि ज्योतिष और मस्तिष्क विज्ञान मेन होतती है. आप अति बुद्धिमान होते हैं. आपको जीवनसाथी भी अच्छा मिलता है जो परिवार का सम्मान बढ़ाता है. आप एक कुशल लेखक तथा शासन से लाभ प्राप्त करने वाले होते हैं.

कुंडली के बारहवे भाव में बुध का प्रभाव : बारहवे भाव में बैठा बुध आपको समाज में अपमान का भागी बनाता है. कमजोर बुध आपको मानसिक कष्ट देता है और आप दूसरों के बहकावे में जदली आ जाते हैं. किन्तु मजबूत बुध आपको अध्यात्म, गुप्त विद्याओं में रुचि तथा अत्यधिक सम्मान दिलाता है.

बुध के उपाय

यदि आपकी राशि में बुध कमजोर है तो आपको पन्ना रत्न धारण करना चाहिए. इसके साथ ही आपको बुध यंत्र का उपयोग करना चाहिए. दान करने से भी आपको राहत मिलती है.

यंत्र : बुध यंत्र

मंत्र : ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः

रत्न : पन्ना

रंग : हरा

दान : मूंग, हरा वस्त्र, सुवर्ण, कांस्य

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By पंडित नितिन कुमार व्यास

ज्योतिषाचार्य पंडित नितिन कुमार व्यास मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में रहते हैं. वे पिछले 35 सालों से ज्योतिष संबंधी परामर्श और सेवाएं दे रहे हैं.

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