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मुंह में छाले (muh ke chale) होना एक आम समस्या है. एक पूरे साल में कई बार हमें मुंह के छाले (Canker sore) का सामना करना पड़ता है. मुंह के छाले (ulcer in mouth) कभी-कभी कम होते हैं तो कभी गंभीर और दर्दनाक होते हैं. ये आपके मुंह में जीभ, होंठ या गाल पर हो होते हैं. कई बार छालों (ulcer) के होने पर बुखार और खाना ना निगलने जैसे समस्या भी होती है. छाले की गंभीरता के आधार पर इन्हें तीन भागों में बांटा गया है.

मुंह के छाले के प्रकार (types of mouth ulcer)

मुंह के छाले (muh ke chale) की गंभीरता के आधार पर इन्हें तीन भागों में बांटा गया है.

छोटे छाले : ये छाले सामान्य छाले होते हैं. इनका साइज़ 3 से 10 MM के बीच होता है. ये एक-दो हफ्ते में ठीक हो जाते है और ठीक होने पर ये निशान भी नहीं छोड़ते.

बड़े छाले : ये छाले छोटे छाले से साइज़ में बड़े होते हैं. इनका साइज़ 10 MM से ज्यादा होता है. इन्हें ठीक होने में कुछ हफ्ते से लेकर कुछ महीने तक लग सकते हैं. ये ठीक होने के बाद निशान छोड़ जाते हैं.

हेरपेटिफोर्म अलस : ये छोटे-छोटे छालों का एक समूह होता है. इन छोटे-छोटे छालों का साइज़ कम होता है लेकिन ये इकट्ठे होकर बड़ी जगह बना लेते हैं. ये बिना निशान छोड़े ठीक होते हैं लेकिन इनके लिए डॉक्टर का परामर्श जरूरी है.

मुंह के छाले के लक्षण (symptoms of mouth ulcer)

मुंह में छालें (mouth ulcer) वैसे तो कहीं भी हो जाते हैं लेकिन ये सबसे ज्यादा प्रभावित हमारी जीभ, होंठ, गाल के अंदर, गले के आंतरिक भाग, मसूड़ों को करते हैं. ये नर्म जगह को आसानी से प्रभावित कर जाते हैं. इनकी रोकथाम के लिए इनके लक्षण जानना जरूरी है.
– मुंह में छाला होने से 24 घंटे पहले प्रभावित होने वाली जगह पर जलन, झुनझुनी और चुभन महसूस होती है.
– आपके मुंह में छाला (muh me chala) लाल, पीला रंग का बनता है.
– बोलने और खाना चबाने में छाले होने पर दर्द होता है.

मुंह के छाले से बचाव कैसे करें (how to prevent mouth ulcer?)

मुंह के छाले होने से रोका तो नहीं जा सकता लेकिन आप चाहे तो इन्हें बढ़ने से रोक सकते है. आप खान-पान में कुछ बदलाव करके मुंह के छालो (mouth ulcer in hindi) को बढ़ने से रोक सकते हैं.

– ऐसा खाना ना खाये जो आपके मुंह को नुकसान पहुँचाए जैसे मसालेदार खाना, तेल वाला खाना आदि.
– छाले होने पर च्युइंगम ना चबाये इससे छालों को नुकसान पहुचता है.
– खाना खाने के बाद ब्रुश करें, दांतों में फंसा हुआ खाना निकालें और मुंह को साफ रखें.
– मुंह के अंदर किसी प्रकार की चोट या खरोंच ना लगने दें ये भी आगे चलकर छाले का रूप ले लेती है.

मुंह के छाले का उपचार या इलाज (treatment of mouth ulcer) (Muh ke chale ka ilaj)

मुंह के छाले का उपचार (muh ke chale ka ilaj) संभव है. अगर छाले सामान्य हैं तो ये बिना डॉक्टर को दिखाये भी या बिना किसी इलाज के 1-2 हफ्ते में ठीक हो जाएंगे. लेकिन छाले अगर सामान्य से ज्यादा खतरनाक और दर्दनाक हैं तो इनके लिए डॉक्टर का परामर्श लेना जरूरी है. छालों का इलाज निम्न तरीकों से किया जाता है.

– छालों के लिए दवाई के तौर पर डॉक्टर दवा युक्त माउथ वॉश (mouth wash for mouth ulcer) देते हैं जिससे बार-बार दिन में कुल्ला करने के लिए आपको कहा जाता है. इससे छालों के कारण हो रहा संक्रमण कम हो जाता है और छालों का फैलना बंद हो जाता है.

– छालों से निपटने के लिए डॉक्टर क्रीम, जेल, लिक्विड (mouth ulcer gel) आदि भी लिखकर देते हैं. इन्हें छाले पर लगाने से आराम मिलता है. छालो की क्रीम, जेल और लिक्विड के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें.

– छालो का इलाज दवाइयों और गोलियों (mouth ulcer medicine) के जरिये भी किया जाता है. वैसे तो आपको मेडिकल पर छाले की गोली मिल जाती है लेकिन अगर छाले गंभीर है तो डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवाई ना लें.

मुंह के छाले के घरेलू उपचार (mouth ulcer home remedy) (muh ke chale ke gharelu upay)

मुंह के छाले ज्यादा गंभीर नहीं है तो आप इन्हें घरेलू उपचार के जरिये भी ठीक कर सकते हैं. आप चाहे तो आपके किचन के कुछ सामान का सेवन करके मुंह के छाले से राहत पा सकते है.
– एक चम्मच पीसी हुई मुलेठी की जड़ों को दो कप पानी में तीन घंटे तक भिगो कर रखें. अब इस मिश्रण को मुंह में डालें और कुछ सेकंड तक रखें. आप चाहे तो कुल्ला करें और फिर उसे थूक दें और फिर से यही प्रक्रिया दोहराएँ जब तक की मिश्रण खत्म ना हो जाए.

– एक कप गरम पानी में एक चम्मच धनिये के बीज उबालें और फिर उस मिश्रण से दिन में दो-तीन बार कुल्ला करें.

– छालों से छुटकारा पाने के लिए आप शहद का उपयोग भी कर सकते हैं. आप शहद को सीधे छालों पर लगाएँ इससे छालों में आराम मिलता है.

– छालों से छुटकारा पाने के लिए आप तीन-चार तुलसी के पत्ते धोकर उन्हें सुबह-शाम चबाएँ. तुलसी छालों को मिटाने में काफी मदद करती है.

नोट: यह लेख आपकी जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. यदि आप संबंधित बीमारी से ग्रस्त हैं अथवा बीमारी के लक्षण महसूस होते हैं तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें. बिना चिकित्सकीय सलाह के किसी भी तरह के उपाय ना करें और बीमारी को लेकर धारणा ना बनाएं. ऐसा करना सेहत के लिए नुकसानदायक है.

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