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इनकम टैक्स (Income tax) हर उस व्यक्ति को भरना पड़ता है जो इनकम टैक्स (Taxable income) के दायरे में आता है. खैर इनकम टैक्स भरने वालों को भी अलग-अलग स्लैब (Income tax slab) के अनुसार कुछ राहत मिलती है जिनसे वे अपना इनकम टैक्स बचा पाते हैं. अलग-अलग स्लैब के अलावा भारत में सीनियर सिटिज़न यानि वरिष्ठ नागरिकों को भी इनकम टैक्स (Senior citizen tax slab and rebate) पर छूट मिलती है.

इनकम टैक्स छूट के लिए सीनियर सिटिज़न की उम्र (Senior citizen age for tax rebate)

इनकम टैक्स छूट के लिए सीनियर सिटिज़न की दो कैटेगरी हैं. पहली है सीनियर सिटिज़न की और दूसरी है सुपर सीनियर सिटिज़न.
सीनियर सिटिज़न ( 60 से अधिक उम्र वाले और 80 से कम)
सुपर सीनियर सिटिज़न ( 80 से अधिक उम्र वाले व्यक्ति)

सीनियर सिटिज़न के लिए टैक्स स्लैब (Tax slab for senior citizen)

3 लाख से कम आमदनी पर कोई टैक्स नहीं.
3 लाख से 5 लाख तक की आमदनी पर 5% टैक्स.
5 लाख से 10 लाख तक की आमदनी पर 20 % टैक्स.
10 लाख से अधिक की आमदनी पर 30 % टैक्स.

नोट : यह टैक्स साल 2018-19 के लिए सालाना आय के हिसाब से है. यह टैक्स व्यक्तिगत तथा HUF के लिए है किसी कंपनी या संस्था के लिए नहीं है.

सुपर सीनियर सिटिज़न के लिए टैक्स स्लैब (Tax slab for super senior citizen)

5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं.
5 से 10 लाख तक की आय पर 20 % टैक्स
10 लाख से अधिक की आमदनी पर 30 % टैक्स

इन टैक्स स्लैब के अलावा भी सीनियर सिटिज़न को टैक्स में कई जगह रियायत मिलती है. सरकार की ओर से सीनियर सिटिज़न को कई सारी इनकम टैक्स छूट दी गई है.

एडवांस टैक्स भरने पर छूट (Tax rebate on advance tax payment)

अगर कोई सीनियर सिटिज़न जिसकी टैक्स देनदारी 10 हजार या उससे ज्यादा है तो उन्हें एडवांस टैक्स देना होता है. इन्हें हर तिमाही टैक्स देना होता है. अगर ये टैक्स को जल्दी या फिर एडवांस में भर देते हैं तो इन्हें ब्याज या पेनाल्टी नहीं देना होती है जिससे इनका टैक्स कम आता है. हालांकि ये टैक्स छूट उन सीनियर सिटिज़न के लिए नहीं हैं जो बिजनेस करते हैं.

हैल्थ इंश्योरेंस पर भी मिलती है टैक्स में छूट (Tax rebate on health insurance)

अगर कोई सीनियर सिटिज़न 50 हजार तक का हैल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम जमा करता है तो वो टैक्स छूट के लिए क्लैम कर सकता है. वही सामान्य व्यक्तियों के लिए ये टैक्स छूट 25 हजार रुपये तक के हैल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए है.

बैंक से मिलने वाले ब्याज पर TDS में छूट (Tax rebate on bank FD and RD interest money)

अगर कोई सीनियर सिटिज़न किसी बैंक में FD या RD करवाता है और उसे अच्छा ब्याज मिल रहा है तो ये taxable होता है लेकिन सीनियर सिटिज़न को इस ब्याज पर TDS में छूट मिलती है. ये छूट उन्हें मिलने वाले 50 हजार तक के बैंक के ब्याज पर होती है.

गंभीर बीमारियों पर भी मिलती है टैक्स छूट (Tax rebate on critical illness and disease)

अगर किसी सीनियर सिटिज़न को कोई गंभीर बीमारी है तो वे 1 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट के लिए क्लैम कर सकते हैं. ये टैक्स छूट उन्हें सेक्शन 80 DDB के तहत दी जाती है जिसमें गंभीर बीमारियों के कारण किडनी का खराब होना या कैंसर जैसी बीमारियाँ शामिल है.

इनकम टैक्स के तहत सीनियर सिटिज़न को कुछ खास जगह इनवेस्टमेंट करने पर भी छूट मिलती है जो सामान्य व्यक्तियों को दी जाती है. देखा जाये तो सीनियर सिटिज़न आम व्यक्ति के मुक़ाबले ज्यादा टैक्स बचा सकते हैं.

By रवि नामदेव

युवा पत्रकार और लेखक

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