सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारियों को हमेशा महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) के बढ़ने का इंतज़ार होता है. आम नागरिक का इससे कोई लेनादेना नहीं है लेकिन फिर भी महंगाई भत्ता या डीए सुर्खियों में बना रहता है. महंगाई भत्ता क्या है? (Mahangai Bhatta Kya hai?) महंगाई भत्ते का क्या लाभ है? महंगाई भत्ता कितना मिलता है? इन सभी सवालों के जवाब आप यहाँ जानेगे.
महंगाई भत्ता क्या होता है? (What is Dearness Allowance in Hindi?)
सरकार महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कई तरीके के उपाय अपनाती है. लेकिन फिर भी महंगाई हर व्यक्ति को प्रभावित करती है. सरकार महंगाई के प्रभाव को संतुलित करने के लिए Mahangai Bhatta देती है. ताकि सरकारी कर्मचारियों पर महंगाई का असर न पड़े.
महंगाई भत्ता सार्वजनिक क्षेत्र के सभी कर्मचारियों, निजी क्षेत्र के कर्मचारी आदि को दिया जाता है. ये मूल वेतन का एक निश्चित प्रतिशत होता है जो सैलरी के साथ दिया जाता है. इसे कर्मचारियो के अतिरिक्त पेंशनर को भी दिया जाता है.
महंगाई भत्ता स्थान आधारित होता है. ये शहरी क्षेत्रों में अधिक, अर्ध शहरी क्षेत्रों में थोड़ा कम और ग्रामीण क्षेत्रों में कम दिया जाता है. डीए जितना ज्यादा होगा सैलरी भी बढ़ जाएगी. डीए का सीधा असर आपकी सैलरी पर हो जाता है.
महंगाई भत्ता का इतिहास (History of Dearness Allowance)
महंगाई भत्ता कोई आज की बात नहीं है बल्कि ये काफी पुराने समय से चला आ रहा है. इसकी शुरुआत दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान हुई थी. उस वक़्त सैनिकों को खाने और दूसरी सुविधाओं के लिए अलग वेतन से यह पैसा दिया जाता था. उस समय इसे Dearness Food Allowance कहा जाता है. भारत में महंगाई भत्ता देने की शुरुआत मुंबई से साल 1972 में हुई थी. तब से केंद्र सरकार के सभी सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जाने लगा.
महंगाई भत्ता साल में कितनी बार बढ़ता है? (How many times DA increase in a year?)
महंगाई भत्ते को सालभर में दो बार बढ़ाया जाता है. इसे बढ़ाने का संबंध सीधे तौर पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से होता है. यदि ये बढ़ता है तो डीए भी बढ़ता है. वर्तमान में महंगाई भत्ता 34 प्रतिशत कर दिया गया है. पहले ये 31 प्रतिशत होता था जिसमें इसी वर्ष 3 प्रतिशत की वृद्धि की गई है.
महंगाई भत्ता बढ़ने का सीधा असर आपकी सैलरी पर होता है. (How DA Calculate in Hindi?) मान लीजिये कि आपकी सैलरी 10 हजार रुपये प्रतिमाह है. पहले आपका महंगाई भत्ता 31 प्रतिशत था मतलब आपको 3100 रुपये महंगाई भत्ता और 10 हजार रुपये सैलरी मिलती थी.
इस तरह आपकी कुल सैलरी 13100 रुपये होती थी. लेकिन हाल ही में 3 प्रतिशत भत्ता बढ़ाया गया जिसकी वजह से आपका महंगाई भत्ता 34 प्रतिशत हो गया. अब आपकी सैलरी 13400 रुपये हो जाएगी. यही वजह है कि सरकारी कर्मचारी महंगाई भत्ता बढ़ने का बेसबरी से इंतज़ार करते हैं.
क्या महंगाई भत्ता पर टैक्स लगता है? (Is Dearness Allowance Taxable?)
Mahangai Bhatta पर Tax लगता है या नहीं ये काफी सारे लोगों का सवाल होता है. असल में महंगाई भत्ते को आपकी इनकम के रूप में देखा जाता है. इसलिए इस पर टैक्स लगता है. जब आप आईटीआर फाइल करते हैं तो आपको बताना पड़ता है कि आपको कितना महंगाई भत्ता मिला है.
आईटीआर फाइल करते समय महंगाई भत्ते की जानकारी देने के लिए दो विकल्प आते हैं. एक औद्योगिक महंगाई भत्ता होता है और एक वेरिएबल महंगाई भत्ता होता है.
औद्योगिक महंगाई भत्ता (Industrial Dearness Allowance) केंद्र सरकार के सभी सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों पर लागू होता है. सार्वजनिक क्षेत्र के एम्पलॉयट्स के मामले में इसे त्रैमासिक आधार पर संशोधित किया जाता है.
वेरिएबल महंगाई भत्ता (Variable Dearness Allowance) केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू होता है. इसे 6 महीने में संशोधित किया जाता है. ये महंगाई के स्तर और कीमतों को निर्धारित करने में मदद करता है.
पेंशनर के लिए महंगाई भत्ता (DA for Pensioner)
केंद्र सरकार के रिटायर्ड कर्मचारी जिन्हें पेंशन मिलती है वे भी महंगाई भत्ते के पात्र होते हैं. इन्हें मिलने वाले महंगाई भत्ते को Dearness Relief कहा जाता है. जब भी वेतन आयोग नया ढांचा बनाता है तो उसमें बदलाव इनकी पेंशन पर भी पड़ता है. जब महंगाई भत्ता बढ़ता है तो इनकी पेंशन भी बढ़ती है.
महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों को दिया जाता है ताकि उन पर महंगाई का असर कम रहे. लेकिन एक आम व्यक्ति के लिए कोई महंगाई भत्ता नहीं है. उसे जितना वेतन मिलता है उतने में ही गुजारा करना पड़ता है.
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