Mon. May 6th, 2024

कोई भी देश कंगाल क्यों होता है, देश के कंगाल होने पर क्या होता है?

country defalut case study

पाकिस्तान हुआ कंगाल! ये खबर आप पिछल कई दिनों से देखते और पढ़ते आ रहे होंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि किसी देश के कंगाल होने का क्या मतलब होता है? देश कंगाल कैसे होता है? देश को कंगाल कौन घोषित करता है? अभी तक कौन-कौन से देश कंगाल हो चुके हैं?

ये सभी वो सवाल हैं जो आपको जरूर जानने चाहिए क्योंकि कोई भी देश ऐसे ही कंगाल नहीं होता. इसके पीछे कई वजह होती हैं, जिन्हें जानना बेहद जरूरी है. ये वजह आपकी पर्सनल लाइफ में मनी मैनेजमेंट के रूप में भी कार्य करती है.

कंगाल होने का क्या मतलब है?

‘कंगाल’ शब्द का उपयोग आमतौर पर किसी व्यक्ति, किसी बिजनेसमैन या किसी देश के लिए किया जा सकता है. अर्थात जिसके साथ पैसा जुड़ा हुआ है वो कंगाल हो सकता है. लेकिन कंगाल होने का क्या मतलब है?

कंगाल होने का अर्थ हम एक व्यक्ति के जरिए जानते हैं. किसी व्यक्ति को हम कब कंगाल कहते हैं? जब उसके पास न तो पैसा होता है और न ही कोई संपत्ति होती है और उस पर कर्ज होता है, लेकिन कर्ज चुकाने की क्षमता नहीं होती है. ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति को कंगाल कहा जाता है.

कंगाल होने का यही मतलब होता है कि उस व्यक्ति या संस्था के पास कर्ज चुकाने के लिए न तो पैसा है और न ही संपत्ति है. ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति को दिवालिया या डिफाल्टर घोषित कर दिया जाता है.

देश के कंगाल होने का मतलब

किसी व्यक्ति के कंगाल होने और किसी देश के कंगाल होने में जमीन-आसमान का अंतर होता है. व्यक्ति जब कंगाल होता है तो उसके पास कर्ज चुकाने के लिए पैसा नहीं होता है. लेकिन देश के कंगाल होने के समय व्यक्ति के पास पैसा होता है.

देश लोगों से मिलकर बनता है लेकिन सरकार देश को चलाती है. सरकार ही सभी योजनाएं और कानून बनाती और उनका क्रियान्वयन करती है. अतः कंगाल होने के पीछे भी अधिकतर मामलों में सरकार की ही नीतियाँ उत्तरदायी होती है.

pakistan economic crisis

अधिकतर विकासशील और पिछड़े देश अपने देश के विकास के लिए दूसरे देशों से कर्ज लेते हैं और दूसरे देशों को अपने देश की तरक्की के लिए निवेश भी करवाते हैं. लेकिन जब कोई देश कर्ज लेता है तो उसे वापस भी देना होता है.

कर्ज देने के लिए हर देश के पास खुद का विदेशी मुद्रा भंडार होता है. जो आमतौर पर विदेशी निवेश और व्यापार के जरिए आता है. इस विदेशी मुद्रा भंडार के जरिए ही कोई देश अपने कर्ज को चुका पाता है. लेकिन जब किसी देश के विदेशी मुद्रा भंडार में कर्ज देने लायक विदेशी मुद्रा नहीं बचती तो वो कर्ज देने में सक्षम नहीं हो पाता है. ऐसी स्थिति में अधिकतर देशों को कंगाल कहा जाता है.

देश के कंगाल होने का मुख्य मतलब यही होता है कि जब कोई देश लिए गए कर्ज को चुका पाने में सक्षम न हो, जिसकी वजह से उस देश में भयंकर महंगाई हो जाए तो ऐसी स्थिति में उस देश को कंगाल कहा जाता है.

किसी भी देश के कंगाल होने के पीछे सिर्फ यही एक वजह नहीं होती बल्कि और भी कई वजह होती हैं.

देश के कंगाल होने की वजह

किसी देश के कंगाल होने की कई वजह हो सकती है. जैसे :

  • किसी देश के खजाने का खत्म हो जाना.
  • देश में अधिकतर चीजों को इम्पोर्ट करना और बहुत कम चीजों को एक्सपोर्ट करना. आम भाषा में समझें तो कमाई से ज्यादा चीजों को खरीदना.
  • विकास के लिए दूसरे देशों या इंटरनेशनल बैंक से कर्ज लेना और उसे न चुका पाना.
  • देश की मुद्रा की कीमत का लगातार घटते रहना.

इन चारों कारणों के चलते कोई भी देश कंगाल हो सकता है या कंगाल कहला सकता है.

pakistan economic crisis 1

देश को कंगाल कौन घोषित करता है?

किसी व्यक्ति को तो कुछ लोग या कोई वित्तीय संस्था जैसे बैंक ‘कंगाल’ घोषित कर देती है लेकिन किसी देश को कंगाल कौन घोषित करता है?

कोई भी व्यक्ति या देश खुद को कंगाल कहलाना पसंद नहीं करेगा. आज के समय में हर देश अपनी पावर दिखाना चाहता है लेकिन फिर भी कभी फॉरेन रिजर्व खत्म होने की स्थिति में आर्थिक संकट पैदा हो जाता है.

कोई भी संस्था किसी देश को कंगाल तब तक घोषित नहीं कर सकती जब तक वह स्वयं खुद को कंगाल देश न घोषित करे. मतलब कोई देश खुद ही खुद को कंगाल घोषित कर सकता है.

आमतौर पर आर्थिक संकट पैदा होने पर कोई भी देश उस संकट से उबरने की पूरी कोशिश करता है. वो पुराने कर्ज को चुकाने के लिए या तो थोड़ा समय ले लेता है या फिर नया कर्ज ले लेता है. लेकिन खुद को कंगाल घोषित नहीं होने देता है.

देश कंगाल हो जाए तो क्या होगा?

कोई भी देश यदि कंगाल हो जाता है तो उस देश की जनता को भयंकर परिणाम भुगतने पड़ते हैं. कंगाल होने पर देश में तेजी से महंगाई बढ़ती है. ये महंगाई आपकी सोच से भी ज्यादा प्रतिशत में बढ़ती है. इसके पीछे खास वजह होती है.

कोई भी देश कंगाल होता है तो उस देश की मुद्रा की कीमत कम हो जाती है. जिसके चलते उस देश में जो दूसरे देशों से प्रोडक्ट इम्पोर्ट किए जा रहे हैं वो महंगे दामों में इम्पोर्ट किए जाएंगे.

hyperinfaltion

यदि किसी देश में सिर्फ पेट्रोल और डीजल ही महंगे दामों में इम्पोर्ट किया जाए तो उसका असर देश की हर एक चीज पर देखने को मिलेगा. अधिकतर देश पेट्रोल और डीजल दोनों को खरीदते हैं और ये दोनों वर्तमान में किसी देश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह हिला सकते हैं.

मुद्रा की कीमत घटने से मार्केट में मिलने वाली चीजों की कीमत में तेजी से उछाल आता है.

जैसे पाकिस्तान में आटे के दाम 160 रुपये प्रति किलो और दूध के दाम 150 रुपये प्रतिलीटर के लगभग हैं. इसी तरह वेनेजुएला में 5 टमाटर की कीमत 5 लाख बोलिवर हो गई थी.

कौन से देश हुए थे कंगाल

इस साल हम पाकिस्तान का नाम सुन रहे हैं लेकिन पाकिस्तान से पहले भी कई देश कंगाल हो चुके हैं और इस आर्थिक संकट से निकल चुके हैं.

1) वेनेजुएला एक ऐसा देश है जिसे इस लिस्ट में सबसे ऊपर रखा जाता है. वेनेजुएला में सरकार ने इतने नोट छाप दिए कि वहाँ लोगों के पास पैसा ही पैसा हो गया. हर घर में बोरियों में पैसा भरा हुआ था. लेकिन इसका परिणाम ये हुआ की यहाँ महंगाई 92978.5% से बढ़ गई. इतने रेट से किसी देश की महंगाई के बढ़ने को Hyper Inflation कहा जाता है. इसके बाद यहाँ 5 टमाटरों की कीमत 5 लाख बोलिवर तक पहुँच गई थी. इसी तरह दूसरी चीजें भी काफी महंगी हो गई थी.

2) साल 2001 में दक्षिण अमेरिकी देश अर्जेन्टीना पर करीब 100 अरब डॉलर का कर्ज था. 2012 में अमेरिका अदालत ने फैसला सुनाया था की 2014 तक कर्ज न चुका पाने की स्थिति में इसे डिफाल्टर घोषित किया जा सकता है.

3) ग्रीस साल पर साल 2012 में 138 बिलियन डॉलर का कर्ज था जिसे ये नहीं चुका पाया. बाद में इसे सबसे बड़ा सॉवरेन डिफॉल्ट घोषित किया गया.

4) भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका भी इस मामले में पीछे नहीं रहा. श्रीलंका ने चीन से कर्ज ले रखा था जिसे वह चुका नहीं पाया. इसके चलते श्रीलंका दिवालिया होने की कगार तक पहुँच चुका था. यहाँ महंगाई तेजी से बढ़ी जिसके चलते 700 रुपये किलो मिर्च और 200 रुपये किलो आलू मिले. लोगों का जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया था.

5) हाल ही में पाकिस्तान के कंगाल होने की खबरे आ रही है. पाकिस्तान ने भी कई देशों और बैंक से कर्ज ले रखा है. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार कम हो गया है जिसके चलते वहाँ तेजी से महंगाई बढ़ी है.

कोई भी देश पूरी तरह कंगाल नहीं होता है. देश की सरकार पूरी कोशिश करती है कि वो कर्ज को चुकाने के लिए कोई रास्ता ढूंढ ले. देश के कंगाल होने के बाद कोई न कोई देश उस देश की मदद कर ही देता है और बदले में उनसे भी किसी चीज की उम्मीद करता है. जैसे चीन ने श्रीलंका को कर्ज तो दिया है लेकिन वो वहाँ के संसाधन का उपयोग कर रहे हैं. इसी तरह अमेरिका भी कई देशों को कर्ज देता है और उनसे किसी न किसी तरह की सहायता की उम्मीद करता है.

कोई भी देश कंगाल हो सकता है यदि वह अपने देश की मुद्रा की कीमत को कम होने दे. अगर किसी देश के ऊपर भारी कर्ज होगा तो कर्ज न चुका पाने की स्थिति में उसे महंगाई और कंगाली जैसे परिणाम भुगतने होंगे.

यह भी पढ़ें :

झन्नाटेदार कोल्डड्रिंक के बीच ‘खट्टा-मीठा रसना’ कैसे बना देश का सबसे पॉपुलर सॉफ्ट ड्रिंक?

बंजर रेगिस्तान था कतर, गरीब रहा, गुलाम रहा और फिर बना अमीर देश

ये हैं सदी के 10 सबसे बड़े दानदाता, टॉप पर है भारतीय बिजनेसमैन

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *