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कौन है हरक सिंह रावत, जिन्हें बीजेपी ने दिया 6 वर्ष का वनवास

harak singh rawat

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले यहां एक बड़ी राजनीतिक हलचल देखने को मिली है. हाल ही में उत्तराखंड के केबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को मंत्रिमण्डल से बर्खास्त कर दिया गया है. उत्तराखंड की राजनीति में इसे एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है. हरक सिंह एक अरसे से राजनीति में जुड़े हुए हैं और राजनीति में काफी ज्यादा एक्टिव भी हैं.

हरक सिंह रावत कौन हैं? (Who is Harak Singh Rawat?) 

हरक सिंह रावत अभी तक उत्तराखंड विधानसभा के के सदस्य थे और उत्तराखंड केबिनेट मिनिस्टर थे. ये बीजेपी पार्टी की ओर से थे लेकिन हाल ही में इन्हें बीजेपी ने पार्टी से निष्कासित कर दिया है. बीजेपी ने इन्हें 6 सालों के लिए पार्टी से निकाल दिया है.

हरक सिंह रावत को बीजेपी ने क्यों निकाला? (Harak Singh Rawat and BJP Controversy) 

हरक सिंह रावत अभी तक बीजेपी के सदस्य हुआ करते थे और उन्हीं की तरफ से केबिनेट मिनिस्टर भी थे लेकिन बीजेपी ने उनकी सदस्यता को 6 साल के लिए बर्खास्त कर दिया है.

हरक सिंह के पार्टी से बाहर निकाले जाने के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि हरक सिंह अपनी बहू के लिए टिकट की मांग कर रहे थे. तथा अपने कुछ समर्थकों को टिकट दिलाना चाहते थे. इसके लिए वह पार्टी पर दबाव बना रहे थे. साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि वे खुद इस्तीफा देकर कॉंग्रेस जॉइन करना चाह रहे थे. जिस वजह से पार्टी ने उन्हें 6 वर्षों के लिए निष्काषित कर दिया.

हरक सिंह का पॉलिटिकल करियर (Harak Singh Rawat Political Career) 

हरक सिंह राजनीति की दुनिया में कोई नया चेहरा नहीं है. वह सालों से राजनीति में हैं और कई चुनावों में भारी मतों से जीतते आए हैं.
– साल 1991 में हरक सिंह ने विधानसभा चुनाव लड़ा और उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मंत्रि बने.
– साल 1991 से 1993 के दौरान वे सबसे युवा पर्यटन मंत्रि रहे.
– साल 1993 में उन्हें यूपी की पौरी सीट से फिर से चुना गया और वे चुनाव जीते.
– साल 1997 में उन्हें उत्तर प्रदेश खादी ग्रामउद्योग बोर्ड के वाइस चेयरमैन के रूप में नियुक्त किया गया.
– साल 1997 में वे कांग्रेस कमेटी के सदस्य रहे.
– साल 1997 में उन्हें यूपी कांग्रेस कार्यकरिणी समिति का सदस्य चुना गया.
– साल 2002 में वे Lansdowne से विधानसभा चुनाव जीतकर एमएलए बने.
– साल 2007 में उन्हें फिर से Lansdown से एमएलए बनने का मौका मिला.
– साल 2012 में इन्हें Rudraprayag विधानसभा पर टिकट मिला. जिसमें ये जीत गए.
– साल 2017 में इन्हें उत्तराखंड के कोटद्वारा से विधानसभा टिकट मिला जिस पर ये विजयी हुए और बीजेपी पार्टी के अंदर केबिनेट मिनिस्टर बन गए.

शिक्षित नेता हैं हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat Education) 

हरक सिंह रावत देश के एक शिक्षति नेता है. साल 1984 में उन्होने अपना पोस्टग्रेजुएशन आर्ट्स में पूरा किया था. इसके बाद Military Science में PHD की. साल 1991 में वे राजनीति में उतरे और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पौरी सीट से विजय हासिल की. कई वर्षों तक कांग्रेस में रहने के बाद ये बीजेपी में शामिल हो गए. जिसके बाद इन्हें केबिनेट मिनिस्टर का पद दिया गया.

हरक सिंह रावत के पहले से ही कांग्रेस को जॉइन करने की खबरे मीडिया में आ रही थी. तथा टिकट की उम्मीदवारी को चलते बनाए गए दबाव के कारण ऐसा हो सकता है कि बीजेपी ने इन्हें पार्टी से निष्काषित कर दिया हो और 6 वर्ष का वनवास दे दिया हो. आगे हरक सिंह कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़कर अपना पॉलिटिकल करियर जारी रख सकते हैं. ये पहले भी कांग्रेस के साथ काम कर चुके हैं.

बीजेपी द्वारा निकाले जाने पर हरक सिंह का कहना है कि यदि वे मुंह खोलेंगे तो विस्फोट हो जाएगा. उत्तराखंड में बीजेपी हारने वाली है. कांग्रेस की सरकार पूर्ण बहुमत से आ रही है. मैं कांग्रेस जॉइन करूंगा.

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