लोहड़ी भारत का एक प्रमुख त्योहार है जो मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है. लोहड़ी को मुख्य रूप से पंजाब, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा में मनाया जाता है. लोहड़ी एक सिख पर्व है इसलिए अधिकतर सिख जहां रहते हैं वहां पर ही लोहड़ी के पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है.
लोहड़ी कैसे मनाते हैं? (How to celebrate the Lohri Festival?)
लोहड़ी भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है लेकिन ये एक सिख पर्व है इसलिए इसके बारे में सिख धर्म से जुड़े लोग ज्यादा जानते हैं. हालांकि आजकल पूरे भारत में ही लोहड़ी मनाने की परंपरा शुरू हो गई है.
– लोहड़ी पर घर-घर जाकर दुल्ला भट्टी के और अन्य तरह के गीत गाने की परंपरा है, लेकिन आजकल ऐसा कम ही होता है.
– बच्चे घर-घर लोहड़ी लेने जाते हैं और उन्हें खाली हाथ नहीं लौटाया जाता है। इसलिए उन्हें गुड़, मूंगफली, तिल, गजक या रेवड़ी दी जाती है.
– लोहड़ी के दिन घर घर से लकड़ियाँ इकट्ठी की जाती है. जिनके पास लकड़ी नहीं होती वो पैसे देते हैं.
– इकट्ठी की गई लकड़ियों को एक जगह इकट्ठा करके जैसे होली जलाई जाती है वैसे लोहड़ी जलाई जाती है.
– उस अग्नि में तिल, गुड़, रेवड़ी और मक्का का भोग लगाया जाता है.
– आमतौर पर सिख जो खेती करते हैं उस फसल को उस अग्नि में अर्पित करते हैं.
– आग जलाकर लोहड़ी को सभी में वितरित किया जाता है.
– इसके बाद नृत्य संगीत का दौर चलता है. इसमें पुरुष भांगड़ा करते हैं तो महिलायें गिद्दा नृत्य करती हैं.
लोहड़ी का इतिहास (History of Lohri)
लोहड़ी कैसे मनाई जाती है इस बात को तो आप जान गए हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि लोहड़ी क्यों मनाई जाती है? लोहड़ी की क्या कहानी है?
लोहड़ी से संबंधित कई कहानियाँ हैं (Story of Lohri) जिन्हें संक्षेप में हम आपको यहाँ बता रहे हैं.
1) दुल्ला भट्टी की कहानी (Dulla Bhatti Story)
लोहड़ी को मुख्य रूप से डुल भट्टी से संबंधित माना जाता है, क्योंकि इसमें उनसे संबंधित लोकगीत ही गए जाते है. इनकी कहानी के अनुसार मुगल राजा अकबर के काल में दुल्ला भट्टी नामक एक लुटेरा पंजाब में रहता था जो न केवल धनी लोगों को लूटता था, बल्कि बाजार में बेची जाने वाली ग़रीब लड़कियों को बचाने के साथ ही उनकी शादी भी करवाता था.
उस समय मुगल शासकों के डर से उन लड़कियों से कोई शादी करने के तैयार नहीं होता था. ऐसे में दुल्ला भट्टी लड़कियों को मुक्त करवाकर ब्राह्मण की मदद से जंगल में आग जलाकर लड़कियों की शादी करवाया करते थे और स्वयं उनका कन्या दान करते थे.
दुल्ला भट्टी को पंजाब का लोकनायक भी कहा जाता है. ये कहानी पंजाब के लोकप्रिय पर्व लोहड़ी को जलते अलाव के साथ-साथ वहाँ के बुजुर्ग इसे बया करना नहीं भूलते हैं.
2) कृष्ण ने किया था लोहिता का वध
एक दूसरी कथा के अनुसार मकर संक्रांति के दिन कंस ने श्री कृष्ण को मारने के लिए लोहिता नामक राक्षसी को गोकुल भेजा था, जिसे श्री कृष्ण ने खेल-खेल में ही मार डाला था. उसी घटना के फलस्वरूप लोहड़ी पर्व मनाया जाता है.
3) भगवान शंकर और सती
एक अन्य पौराणिक कथा के मुताबिक राजा दक्ष की पुत्री सती ने अपने पति भगवान शंकर के अपमान से दुखी होकर खुद को अग्नि के हवाले कर दिया था. इसकी याद में ही यह अग्नि जलाई जाती है.
लोहड़ी का त्योहार मुख्य रूप से सिख का त्योहार है लेकिन हिन्दू धर्म में भी इसे मनाया जाता है. ये मकर संक्रांति के एक दिन पहले आता है और इस दिन गुड़, मूंगफली और लोहड़ी बांटी जाती है तथा भांगड़ा और गिद्दा नृत्य किया जाता है.
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