देश में यदि आप कोई सामान खरीदते हैं तो उस पर जीएसटी (GST) लगता है. अक्सर लोग जीएसटी से बचने के लिए पक्का बिल नहीं लेते हैं क्योंकि पक्का बिल लिया तो उसमें जीएसटी जुड़ कर आएगा. कई दुकानदार भी ग्राहकों को पक्का बिल न लेने पर जो देते हैं या उन्हें बता देते हैं की पक्का बिल नहीं लोगे तो जीएसटी नहीं लगेगा. देखा जाए तो ये एक गलत तरीका है और सरकार इस समस्या के समाधान के लिए एक ऐसी योजना ला रही है जिससे ग्राहक खुद पक्के बिल लेने लगेंगे.
पक्के बिल पर 1 करोड़ की लॉटरी (GST Lottery Scheme)
सरकार जीएसटी में हेराफेरी को रोकने के लिए जीएसटी व्यवस्था के तहत एक अप्रैल से ऐसी लॉटरी योजना ला रही है जो पक्के बिल लेने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देगी. इस योजना के अंतर्गत हर सौदे के पक्के बिल को लकी ड्रॉ में शामिल किया जाएगा. इसमें मिलने वाला सबसे ऊंचा इनाम 1 करोड़ तक का होगा.
जीएसटी इनाम योजना से फायदा (GST Lottery Scheme benefit)
जीएसटी लकी ड्रॉ योजना से कई फायदे होने वाले हैं. सबसे पहला फायदा तो ये की इस योजना के चलते ग्राहक खुद दुकानदार से पक्का बिल मांगेंगे. इससे जीएसटी से होने वाला कलेक्शन तेजी से बढ़ेगा. कई बार कुछ प्रॉडक्ट पर उनकी कीमत के साथ ही जीएसटी जुड़ा होता है उसमें कोई दिक्कत नहीं होती. लेकिन जब आप कोई सेवा लेते हैं जैसे होटल में रूम, होटल में डिनर आदि करना या कोई अन्य सर्विस लेना तो उसमें हम पक्के बिल लेने से कतराते हैं जिससे सरकार को मिलने वाला टैक्स आप उन्हें नहीं दे पाते हैं. इससे सरकार का राजस्व कम होता है. इस योजना के आने से जीएसटी कलेक्शन तेजी से बढ़ सकता है.
कैसे भाग लें? (How to participate in GST Lottery scheme?)
जीएसटी लॉटरी योजना में भाग लेने के लिए सरकार एक एप्लिकेशन बना रही है जिसे आप स्मार्टफोन पर चला सकेंगे. इस ऐप को सीधे जीएसटी नेटवर्क से जोड़ा जाएगा. ऐप के आने के बाद जब कोई खरीद करेंगे और पक्का बिल लेंगे तो आप इस ऐप पर उसे अपलोड कर सकेंगे. अपलोड करने के साथ ही आप इस जीएसटी लकी ड्रॉ में भाग ले लेंगे.
जीएसटी लॉटरी में एक प्रथम विजेता चुना जाएगा जिसे बड़ा इनाम दिया जाएगा. ये इनाम 1 करोड़ तक का हो सकता है. इसके अलावा राज्यों के स्तर पर भी लकी ड्रॉ का आयोजन किया जाएगा और दूसरे और तीसरे विजेता को इनाम दिया जाएगा. CBIC के अनुसार इस लॉटरी सिस्टम में 1 लाख से 1 करोड़ तक के इनाम रखे जा सकते हैं.
जीएसटी लॉटरी सिस्टम सरकार की एक अच्छी पहल है जो लोगों को पक्का बिल लेने और जीएसटी चुकाने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है. लेकिन सरकार यदि जीएसटी कलेक्शन बढ़ाना ही चाहती है तो उसे पक्के बिल को अनिवार्य कर देना चाहिए जिससे पक्का बिल न लेने और जीएसटी न चुकाने जैसी समस्या न हो.
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