Wed. Oct 9th, 2024

जीएसटी यानी की गुड्स एंड सर्विस टैक्स व्यवहारिक रूप से जटिल है. हालांकि टैक्स विशेषज्ञों की मदद से आप इस संपूर्ण टैक्स के बारे में बेहतर तरीके से जानकारी हासिल कर सकते हैं. खास बात यह है कि जो जीएसटी केवल नाम में हमें एक टैक्स की तरह दिखाई देता है उसके अंतर्गत भी कई तरह के टैक्स होते हैं जिसे किसी भी बिजनेसमैन के लिए समझना बहुत जरूरी होता है. फिर चाहे वह व्यापारी छोटा हो या बड़ा, स्थानीय हो अथवा बड़े स्तर पर व्यापार करने वाला.

कुछ सालों पहले माल खरीदने या बेचने पर कई प्रकार के अलग-अलग टैक्स लगा करते थे जिसके कारण व्यापारी काफी असमंजस में रहते थे लेकिन अब जीएसटी (GST) लागू हो गया है. माल और सेवाओं पर सिर्फ एक टैक्स है जिससे व्यापारियों को काफी आसानी रहती है. कहा जाता है जीएसटी सिर्फ एक टैक्स है लेकिन जीएसटी के भी चार भाग हैंं CGST, SGST, IGST, UTGST.

भारत में कई शहर और राज्य हैंं. जब भी कोई व्यापारी किसी माल को बेचता है तो या तो उसे इस माल को अपने राज्य में भेजना पड़ता है या फिर किसी दूसरे राज्य में, कभी-कभी ये भी होता है की उस माल को किसी दूसरे देश में भी भेजना पड़ता है, तो इन सभी स्थितियों के हिसाब से अलग-अलग टैक्स लगाए जाते हैं जो जीएसटी के अंतर्गत ही आते हैं.

सीजीएसटी क्या होता है और कहांं लगाया जाता है? (What is CGST?)

सीजीएसटी (CGST) का पूरा नाम है सेंट्रल जीएसटी (Central goods and service tax). अगर किसी सामान पर सीजीएसटी (CGST) लगाया जाता है तो उस पर दिया गया टैक्स सीधे केंद्र सरकार को जाता है. अगर कोई व्यापारी किसी सामान को अपने ही राज्य में बेच रहा है तो उस पर सीजीएसटी लगाया जाता है.

एसजीएसटी क्या होता है और कहांं लगाया जाता है? (What is SGST?)

एसजीएसटी (SGST) का पूरा नाम होता है स्टेट जीएसटी (State goods and service tax). अगर किसी सामान पर एसजीएसटी लगाया गया है तो उस पर लगने वाला टैक्स सीधे राज्य सरकार को जाएगा. अगर कोई व्यापारी के ही राज्य के अंदर अपना माल बेच रहा है या खरीद रहा है तो उस पर एसजीएसटी लगाया जाता है.

सीजीएसटी और एसजीएसटी दोनों एक ही स्थिति में लगाए जाते हैं और बराबर मात्रा में लगाए जाते हैं. मतलब जब भी किसी एक ही राज्य में माल को खरीदा या बेचा जाएगा तो उस पर लगने वाला टैक्स केंद्र और राज्य सरकार में बराबर-बराबर बांटा जाएगा.

यूटीजीएसटी क्या होता है और कहांं लगाया जाता है? (What is UTGST?)

यूटीजीएसटी (UTGST) का पूरा नाम है यूनियन टेरीटरी जीएसटी(Union territory goods and service tax). ये भारत की उन जगह के लिए है जो केंद्र शासित राज्य है. मतलब अगर कोई व्यक्ति केंद्र शासित प्रदेश में माल बेच या खरीद रहा है तो वहांं पर जीएसटी यूटीजीएसटी नाम से लागू किया जाएगा. ये पूरी तरह एसजीएसटी की तरह ही है. यूटीजीएसटी भी कुल जितना बनता है उसका आधा हिस्सा सरकार को देना होता है. भारत में कुल सात केंद्र शासित प्रदेश हैं. (list of union territories in India)

1) दिल्ली
2) पांडिचेरी
3) चंडीगढ़
4) दादर नगर एवं हवेली
5) दमन और दीव
6) लक्ष्यद्वीप
7) अंडमान एवं निकोबार

आईजीएसटी क्या होता है और कहांं लगाया जाता है? (What is IGST?)

आईजीएसटी (IGST) का पूरा नाम होता है इंटीग्रेटेड जीएसटी (Integrated goods and service tax). अगर कोई व्यक्ति एक राज्य से दूसरे राज्य में माल बेच रहा है या फिर खरीद रहा है तो उसे इंटीग्रेटेड जीएसटी चुकाना पड़ता है. इस टैक्स सीजीएसटी और एसजीएसटी दोनों के बराबर अकेला है. इस टैक्स को सीधे तौर पर केंद्र सरकार वसूलती है लेकिन जब इसे बांटा जाता है तो इसके दो हिस्से किए जाते हैं जिसमें से एक हिस्सा केंद्र सरकार के पास जाता है और दूसरा राज्य सरकार के पास.

– इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे देश में सामान बेच रहा है तो उस पर भी आईजीएसटी लागू होता है.
– देश में या उसी राज्य में होने वाले SEZ Unit में किसी माल के लेनदेन करने पर आईजीएसटी लागू होता है.

जीएसटी के चार भागों को हम इस तरह आसानी से समझ सकते हैं

– अगर कोई व्यक्ति एक ही राज्य में किसी सामान का लेनदेन कर रहा है तो उस पर एसजीएसटी और सीजीएसटी लागू होंगे. इन दोनों का कुल टैक्स दोनों यानी केंद्र और राज्य में बराबर बांटा जाएगा.

– अगर कोई व्यक्ति केंद्र शासित प्रदेश में वहीं पर लेनदेन करता हैं तो उसे वहांं पर यूटीजीएसटी देना पड़ता है. जिसका आधा हिस्सा केंद्र सरकार के पास जाता है.

– अगर कोई व्यक्ति किसी एक राज्य से दूसरे राज्य, दूसरे देश में, उसी राज्य या अन्य राज्य की SEZ Units में माल का लेनदेन कर रहा है तो उसे आईजीएसटी चुकाना पड़ता है जो सरकार द्वारा वसूला जाता है लेकिन इसकी प्राप्ति केंद्र और राज्य दोनों सरकार को होती है.

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(नोट: यह लेख आपकी जानकारी बढ़ाने के लिए साझा किया गया है. जीएसटी और उसके अंतर्गत आने वाले अन्य टैक्स के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह लें.)

By रवि नामदेव

युवा पत्रकार और लेखक

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