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Pind Daan Rules : क्यों किया जाता है पिंडदान, जानिए पिंडदान से जुड़े नियम 

pind daan rules

इंसान की मृत्यु हो जाने के बाद हिन्दू धर्म में उसका अंतिम संस्कार किया जाता है. अंतिम संस्कार के बाद पिंडदान (Pind Daan Rules) करना अनिवार्य माना गया है. अंतिम संस्कार के बाद एवं श्राद्ध पक्ष में पिंडदान अवश्य किया जाता है लेकिन इससे जुड़े कई नियम भी हैं. 

पिंडदान क्या होता है? (What is Pind Daan?) 

पितरों की आत्मा की शांति के लिए हिन्दू धर्म में पिंडदान को अनिवार्य बताया गया है. ऐसा माना जाता है कि इंसान की मृत्यु हो जाने के बाद उसकी आत्मा को मृत्यु लोक तक का सफर करना पड़ता है. ये सफर कष्टदायक होता है. 

किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद यदि उसका परिवार विधि-विधान से अंतिम संस्कार नहीं करता है, उसका पिंडदान नहीं करता है तो उसकी आत्मा भटकती रहती है. लेकिन मृत्यु के बाद यदि पिंडदान किया जाए तो आत्मा के लिए मृत्युलोक तक का सफर आसान हो जाता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.

पिंड चावल, जौ के आटे, काले तिल एवं घी से निर्मित गोल आकार के होते हैं. ये व्यक्ति के अंतिम संस्कार एवं श्राद्ध में पितरों को अर्पित किये जाते है. यह प्रथा वैदिक काल से ही प्रचलन में रही है और वेदों में इसका उल्लेख है.  

पिंडदान कहाँ करें? (Best Place for Pind Daan) 

पिंडदान श्राद्ध के दौरान किया जाता है. आप तय तिथि पर सोलह श्राद्ध में पिंडदान कर सकते हैं. पिंडदान को हमेशा पवित्र नदी के तट पर किया जाना चाहिए. भारत में ऐसी कुछ खास जगह हैं जैसे उज्जैन, गया, प्रयागराज आदि. 

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पिंडदान कैसे करें? (How to do Pind Daan?) 

पिंडदान को पवित्र नदी के किनारे किया जाता है लेकिन इसे आप स्वयं नहीं कर सकते. पिंडदान को ब्राहमण की उपस्थिति में ही सम्पन्न किया जाना चाहिए. (Pind Daan Rules)जब आप पिंडदान करने जाए तो किसी ब्राहमण से ही पिंडदान करवाएं. आप ब्राहमण के निर्देश पर पिंडदान कर सकते हैं.  

– पिंडदान करने के लिए चावल या जौ के आटे में तिल मिलाकर उसे गूथ लिया जाता है. 

– उस गुथे हुए आटे के गोले बनाए जाते हैं.   

– पिंडदान के लिए जाते समय अपने साथ पीतल की थाली और दूध साथ रखें. 

– पिंडदान में ब्राहमण को भोजन कराने की व्यवस्था जरूर करा लें. 

पिंडदान करने में आपको किन-किन चीजों की आवश्यकता होगी ये आपको ब्राहमण द्वारा बता दिया जाता है. आप उसे वहीं से खरीदकर पिंडदान करवा सकते हैं. 

पिंडदान कौन कर सकता है? (Pind Daan Koun Kar sakta hai?) 

पिंडदान कौन कर सकता है इसे लेकर कभी-कभी विवादित स्थिति बनती है. शास्त्रों में कहा गया है कि पितरों को पिंडदान करने का कार्य घर के पुरुष या घर के बेटे का है. अतः बेटों को ही पिंडदान करना चाहिए. 

हर घर में हालात एक जैसे नहीं होते हैं. किसी व्यक्ति का बेटा नहीं बेटी होती है तो क्या उनका पिंडदान नहीं हो सकता? क्या बेटियाँ पिंडदान नहीं कर सकती? (Pind Daan Rules)बेटियाँ पिंडदान कर सकती हैं लेकिन यदि घर में बेटा है तो सिर्फ उसे ही पिंडदान करना चाहिए क्योंकि बेटों द्वारा किये गए पिंडदान से ही पितृऋण से मुक्ति मिलती है. 

पिंडदान के नियम (Pind Daan Rules) 

पिंडदान कराते समय कुछ नियमों का पालन अवश्य किया जाना चाहिए. 

– पितृ पक्ष के दौरान कुत्ते, कौवे, गाय को भोजन अवश्य कराना चाहिए. 

– कुत्ता और कौवा पितृ के सबसे करीब होते हैं इन्हें भोजन कराने से वे तृप्त होते हैं. 

– पिंडदान कराते समय स्टील के बर्तन का उपयोग न करें तो अच्छ रहेगा. इस दौरान आपको पीतल के बर्तन या फिर तांबे के बर्तन का उपयोग करना चाहिए. 

– पिंडान में शहद, तुलसी, दूध और तिल का सर्वाधिक महत्व है. 

– पिंडदान को स्वयं करने की कोशिश न करें इसे किसी अनुभवी ब्राहमण द्वारा ही कराएं.   

पितरों की आत्मा की शांति के लिए इस श्राद्ध पक्ष में किसी पवित्र नदी के किनारे पिंडदान अवश्य करें. पिंडदान करने से वे प्रसन्न होंगे और मृत्युलोक तक का उनका सफर आसान और कष्ट मुक्त होगा. 

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By पंडित नितिन कुमार व्यास

ज्योतिषाचार्य पंडित नितिन कुमार व्यास मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में रहते हैं. वे पिछले 35 सालों से ज्योतिष संबंधी परामर्श और सेवाएं दे रहे हैं.

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