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पितृ पक्ष का आरंभ 20 सितंबर 2021 से हो रहा है. जानकार बता रहे हैं कि इस वर्ष 26 सितंबर को श्राद्ध की तिथि नहीं पड़ रही है. (फोटो: विकीपीडिया)पितृ पक्ष का आरंभ 20 सितंबर 2021 से हो रहा है. जानकार बता रहे हैं कि इस वर्ष 26 सितंबर को श्राद्ध की तिथि नहीं पड़ रही है. (फोटो: विकीपीडिया)

श्राद्ध पक्ष 20 सितंबर (shradh date 2021) से शुरू हो रहे हैं. पितृपक्ष (pitru paksha 2021 start date and time) की समाप्ति की तिथि 6 अक्टूबर 2021, बुधवार यानी की आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को होगी. श्राद्ध पक्ष की अमावस्या को पितृमोक्ष अमावस्या (pitra moksha amavasya 2021) कहा जाता है. बता दें कि देश के अलग-अलग हिस्सों में पितृमोक्ष अमावस्या को आश्विन, बड़मावस और दर्श अमावस्या भी कहा जाता है.

पुरखों के प्रति स्मृति और उन्हें नमन करने का यह पर्व 20 सितंबर 2021 सोमवार को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से होगा. इस वर्ष पितृ पक्ष का समापन को होगा. जानकार बता रहे हैं कि इस वर्ष 26 सितंबर को श्राद्ध की तिथि नहीं पड़ रही है.

श्राद्ध पक्ष का महत्व (Sharda Puja Significance)

हिंदू धर्म में 16 दिन के श्राद्ध पक्ष का विशेष (what is the significance of pitru paksha) महत्व है. पुराणों में पितृ पक्ष को मनुष्य के पुरखों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने और उनकी अतृप्त आत्माओं को शांति व उन्हें याद करने का महत्व है. ब्रह्म पुराण में पितृपक्ष का विशेष महत्व (Pitru Paksha ka mahtva) बताया गया है. यह वह पर्व है जिसमें अपने पुरखों प्रति आभार (pitru paksha ke baare mein bataye) व्यक्त किया जाता है.

ब्रह्म पुराण के अतिरिक्त वायु पुराण और वराह पुराण में भी श्राद्ध पक्ष का विशेष महत्व है. पितृ पक्ष में विधि-विधान पूर्वक श्राद्ध कर्म की विधि कर पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है.

कहा जाता है कि इन 16 दिनों में पितरों को याद करने, उनके प्रति श्रद्ध दर्शान से मनुष्य के जीवन में जो भी बाधाएं, समस्या और परेशानियां हैं वह पुरखों के आशीर्वाद से दूर हो जाती हैं. पुराणों में उल्लेख मिलता है कि श्राद्ध पक्ष के इन 16 दिनों में पुरखों को याद करने, उनके नाम का श्राद्ध करने से वे प्रसन्न होते हैं और परिवार को आशीर्वाद देकर उन्हें धन धान्य से भर देते हैं.

पौराणिक मान्यता भी है कि यदि किसी व्यक्ति की अकाल मृत्यु होती है तो उसकी आत्मा को शांति नहीं मिलती है वह इधर-उधर भटकता है. श्राद्ध पक्ष के यही 16 दिन होते हैं जिसमें ऐसे व्यक्तियों के लिए श्राद्ध कर्म कर, उनके नाम का तर्पण कर उन्हें शांति प्रदान कर सकते हैं. श्राद्ध पक्ष में पितृ की तिथियां, 16 दिनों के श्राद्ध पक्ष में आप कुछ प्रमुख तिथियों पर घर में अपने पुरखों के नाम का तर्पण कर सकते हैं और ब्राह्मण को भोजन ग्रहण कर उन्हें दान दक्षिणा दे सकते हैं.

श्राद्ध पक्ष की प्रमुख तिथियाँ | Sharad Kab hai 2021

यह कुछ तिथियां हैं जो इस बार (sharad kab se shuru hai 2021) श्राद्ध पक्ष की प्रमुख तिथियां हैं.

सोमवार 20 सितंबर 2021 को पूर्णिमा श्राद्ध होगा, यह तर्पण और श्राद्ध की एक प्रमुख तिथि है.
मंगलवार 21 सितंबर 2021 को प्रतिपदा श्राद्ध होगा.
बुधवार 22 सितंबर 2021 को द्वितीया श्राद्ध होगा जिसका विशेष महत्व होता है.
बृहस्पतिवार 23 सितंबर 2021 को तृतीया श्राद्ध होगा
शुक्रवार को चतुर्थी श्राद्ध 24 सितंबर 2021,
शनिवार को पंचमी श्राद्ध 25 सितंबर 2021,
इस बार 26 सितंबर को श्राद्ध की कोई तिथि नहीं है.
सोमवारको षष्ठी श्राद्ध 27 सितंबर 2021
मंगलवारको सप्तमी श्राद्ध 28 सितंबर 2021,
बुधवार को अष्टमी श्राद्ध 29 सितंबर 2021,
बृहस्पतिवार को नवमी श्राद्ध 30 सितंबर 2021,
शुक्रवार को दशमी श्राद्ध 1 अक्तूबर 2021,
शनिवार को एकादशी श्राद्ध 2 अक्तूबर 2021,
रविवार को द्वादशी है इसे सन्यासियों का श्राद्ध कहा जाता है, मघा श्राद्ध 3 अक्तूबर 2021 को पड़ रहा है.
सोमवार को त्रयोदशी श्राद्ध 4 अक्तूबर 2021, यह एक महत्वपूर्ण श्राद्ध पक्ष तिथि है
मंगलवार को चतुर्दशी श्राद्ध 5 अक्तूबर 2021,
बुधवार को अमावस्या श्राद्ध 6 अक्तूबर 2021,

घर श्राद्ध कर रहे हैं श्राद्ध पक्ष पूजन सामग्री क्या होगी (Shradh Puja Samagri)

यदि आप घर पर ही श्राद्ध कर रहे हैं तो (shradh puja list in hindi) आपको पूजा के लिए छोटी सुपारी सिंदूर, रोली की आवश्यकता होगी, इसके अलावा रक्षा सूत्र लगेगा, एक कटोरी चावल, दो जोड़ा जनेऊ, 50 ग्राम कपूर, हल्दी थोड़ी मात्रा में, एक कटोरी गाय का देसी घी, माचिस और अगरबत्ती या धूप, शहद छोटी कटोरी, काला तिल एक कटोरी, तुलसी के 5 या कुछ ज्यादा पत्ते, 5 पान के पान के पत्ते पत्ता, एक कटोरी जौ, हवन के लिए लगने वाली सामग्री में एक डल्ला गुड़, मिट्टी का एक बड़ा दीया, रुई दो बत्तियां, छोटी कटोरी दही, जौ का एक कटोरी आटा, एक कटोरी गंगाजल या नर्मदा जल, पांच खजूर, 5 केले, 5 सफेद फूल जो उपलब्ध हों, एक छोटी कटोरी उड़द, गाय का छोटा गिलास दूध, छोटी, एक कटोरी चावल की खीर, स्वांक के चावल, थोड़े से मूंग, पांच टुकड़े गन्ने की जरूरत होती है. इस सामग्री को आप अपने पंडित से भी पूछ सकते हैं.

श्राद्ध पक्ष में पितरों का घर पर श्राद्ध करने की विधि (shraddha puja vidhi in hindi)

16 दिन के श्राद्ध पक्ष में आप घर पर भी अपने (pitru paksha rules) पुरखों का श्राद्ध कर उनकी आत्मा की शांति के लिए तर्पण कर सकते हैं. चूंकि कोरोना काल चल रहा है लिहाजा आप घर इस विधि से श्राद्ध कर सकते हैं-

– संभव हो तो किसी विद्वान और योग्य ब्राह्मण को घर बुलाएं और उनसे ही पिंडदान, तर्पण करवाएं.
– गंगा के किनारे श्राद्ध का विशेष महत्व है. यदि गंगा घाट ना हो तो नर्मदा अथवा किसी भी पवित्र नदी को साक्षी मानाजा सकता है.
– तर्पण के दौरान या जिस दिन श्राद्ध हो उस दिन अपने पुरखों के नाम का या जिसका श्राद्ध कर रहे हैं उसके नाम से जरूरतमंद, गरीबों की सहायता अथवा दान करें. इससे पुण्य मिलता है.
– पुरखों के नाम का जो भोजन बनाएं उसमें से पूरी श्रद्धा के साथ एक अंश कौवा, गाय और कुत्ते के लिए छोड़ें.
– श्राद्ध के दिन कम से कम 5 अथवा 11 ब्राह्मणों को भोज जरूर करवाएं और दान दक्षिणा देकर संतुष्ट करें.

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पितृ मोक्ष अमावस्या: पितृ दोष से बचने के लिए जरूरी है श्राद्ध कर्म

श्राद्ध पक्ष: क्यों जरूरी है पितरों की शांति और पुरखों का श्राद्ध

By पंडित नितिन कुमार व्यास

ज्योतिषाचार्य पंडित नितिन कुमार व्यास मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में रहते हैं. वे पिछले 35 सालों से ज्योतिष संबंधी परामर्श और सेवाएं दे रहे हैं.

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