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भूकंप कैसे आता है, जानिए कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता?

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दिल्ली एनसीआर, उत्तर भारत और नेपाल में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. हर साल भारत के कुछ स्थानों पर भूकंप आते रहते हैं लेकिन कभी आपने सोचा है कि भूकंप क्यों आते हैं? (What is Earthquake?) भूकंप की तीव्रता कैसे मापी जाती है? कितनी तीव्रता का भूकंप नुकसानदायक होता है?

दिल्ली और नेपाल में भूकंप (Earthquake today in India)

भारत के दिल्ली, उत्तर भारत में भूकंप के झटके मंगलवार को देर रात महसूस किए गए हैं. भारत में भूकंप का इतना असर नहीं था लेकिन नेपाल में भूकंप की तीव्रता ज्यादा थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नेपाल में आया भूकंप इस साल का सबसे अधिक तीव्रता वाला भूकंप था.

नेपाल में आए भूकंप (Nepal Earthquake) का केंद्र पिथौरागड़ था. इस भूकंप की तीव्रता 6.6 थी. यहाँ पिछले दो दिनों में तीन बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. इस भूकंप के चलते 6 लोगों के मौत हुई और 5 लोगों के घायल होने की पुष्टि की गई है.

भूकंप क्या होता है? (What is Earthquake?)

भूकंप को एक प्राकृतिक आपदा कहा जाता है और ये पृथ्वी की आंतरिक संरचना के कारण होता है. असल में पृथ्वी की आंतरिक संरचना में 7 प्लेटस हैं. ये प्लेटस जिन जगह पर आपस में मिलती हैं वहाँ पर ये एक दूसरे से टकराती हैं. इसे जोन फॉल्ट लाइन कहते हैं.

प्लेटस के बार-बार टकराने के कारण प्लेटस के कोने मुड़ते रहते हैं. जब पृथ्वी के अंदर उस जगह पर ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेटस टूटने लगती है. फिर जो नीचे की ऊर्जा रहती है वो बाहर आने का रास्ता खोजती है और इसी उथल-पुथल के बाद भूकंप आता है.

भूकंप का केंद्र क्या होता है? (Center of Earthquake)

भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिस स्थान पर प्लेटों में हलचल होती है. हलचल होने के दौरान भूगर्भीय ऊर्जा ऊर्जा निकलती है. जिस स्थान से ऊर्जा निकलती है उस स्थान पर ज्यादा हलचल होती है, वहाँ ज्यादा कंपन उत्पन्न होता है.

इस कम्पन्न की आवृत्ती जितनी दूर तक जाती है उतनी ही कम होती जाती है. मतलब ये भूकंप के केंद्र पर ज्यादा होगी और उससे जितना दूर जाती जाएगी उतनी ही कम होती जाएगी. एक बात का और ध्यान रखें कि भूकंप जितना ज्यादा तीव्रता वाला होगा वो उतने ज्यादा एरिया को प्रभावित करेगा.

भूकंप की तीव्रता कैसे मापी जाती है? (Scale of Earthquake)

भूकंप की तीव्रता मापने के लिए रिक्टर नाम का पैमाना उपयोग किया जाता है. इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल भी कहा जाता है. इसमें भूकंप की तीव्रता को 0 से 9 के बीच मापा जाता है. इसमें 1 सबसे कम है तो 9 सबसे अधिक तीव्रता वाला भूकंप है.

भूकंप तीव्रता का मतलब (Earthquake Magnitude Meaning)

भूकंप की तीव्रता को 0 से 9 के बीच मापा जाता है. नंबर बढ़ने के साथ इसकी भयावहता बढ़ती जाती है. ये कितने रिक्टर पर नुकसानदायक होता है ये आपको जरूर जानना चाहिए.

अगर किसी जगह पर 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप आता है तो उससे कोई नुकसान नहीं होता. यहाँ तक की आम लोगों को इसका पता भी नहीं लगता. इसका पता सिर्फ सीजमोग्राफ पर ही लग पाता है.

किसी जगह पर 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप आता है तो हल्का सा कम्पन्न होता है. इसका भी ज्यादा पता लोगों को नहीं लग पाता है.

किसी जगह पर 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आता है तो आपको ऐसा महसूस होता है जैसे आपके पास से कोई ट्रक गुजर गया हो. मतलब ये भूकंप आपको जरूर महसूस होगा.

4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप थोड़ा और खतरनाक होता है. इसकी वजह से आपके घर कांच की खिड़कियां टूट सकती हैं, दीवारों पर टंगी हुई फ्रेम टूट सकती हैं.

5 से 5.9 तीव्रता वाला भूकंप आपके घर के फर्नीचर को हिलांने की शक्ति रखता है.

6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप को आमतौर पर बहुत तेज माना जाता है. इस भूकंप के कारण इमारतों की नींव में दरार आ सकती है, ऊपरी मजिल गिर सकती हैं.

7 से 7.9 तीव्रता के भूकंप आने पर इमारत गिर सकती है और जमीन के अंदर गैस या पानी की पाइप लाइन फट सकती है, क्योंकि ये बहुत ज्यादा तीव्रता वाला भूकंप होता है.

8 से 8.9 तीव्रता वाला भूकंप और भी ज्यादा खतरनाक होता है. इसके कारण मजबूत से मजबूत इमारत और बड़े पुल गिर सकते हैं, इससे सुनामी का खतरा भी हो सकता है.

9 या उससे ज्यादा तीव्रता वाला भूकंप तो तबाही ला सकता है. ये ऐसा भूकंप होता है जिसमें यदि आप खाली मैदान पर खड़े होंगे तो आपको पूरी धरती लहराते हुए दिखेगी. इससे न तो कोई बिल्डिंग बच सकती है और न ही कोई घर.

सबसे अधिक तीव्रता वाला भूकंप (World Dangerous Earthquake)

दुनिया के इतिहास में सबसे अधिक तीव्रता वाला भूकंप भी दर्ज है. ये भूकंप 22 मई 1960 को आया था. उस समय इसकी तीव्रता 9.5 रिक्टर दर्ज की गई थी. इसकी वजह से भयंकर सुनामी आई थी, इससे दक्षिणी चिली, हवाई द्वीप, जापान, फिलीपींस, पूर्वी न्यूजीलैंड, दक्षिण पूर्वी ऑस्ट्रेलिया समेत की देशों में भयानक तबाही मची थी.

इसके अलावा 26 दिसंबर 2004 को इंडेनेशिया के सुमात्रा में 9.1 की तीव्रता का भूकंप आया था. इसकी वजह से 2 लाख से भी अधिक मौत हुई थी.

भूकंप कहीं भी और कभी भी आ सकते हैं. इसलिए जब भी भूकंप आए तो अपने घर से बाहर आ जाए. और ऐसे स्थान पर छुप जाएँ जहां आपका सिर सुरक्षित रह सके. भूकंप आने के दौरान दिवाल और छत गिरने का डर रहता है. इसलिए घर से बाहर निकलने को कहा जाता है.

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By रवि नामदेव

युवा पत्रकार और लेखक

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