भारतीय ज्योतिष को (Indian astrology) ज्योतिष विज्ञान कहा गया है. ज्योतिष विद्या भारतीय संस्कृति के (Astrology is an ancient concept) प्राचीन ज्ञान परंपरा का हिस्सा है. जैसे भारतीय ज्योतिष है वैसे ही (world astrology) दुनिया के अलग-अलग देशों में भी ज्योतिष विद्या का प्रभाव है और वहां के समाज में अपने भविष्य और जीवन में आने वाले समय की कठिनाइयों के बारे में जानने के लिए ज्योतिष विदया की मदद ली जाती है.
भारत में ज्योतिष विद्या को विज्ञान (Importance of Vedic Astrology in our Life )माना गया है. जिस तरह से विज्ञान किसी भी विषय के क्रमबद्ध ज्ञान के माध्यम से विषय की परतों को तार्किक प्रक्रिया से जानने का मार्ग दिखाता है वैसे ही ज्योतिष वैज्ञानिक ज्योतिषीय गणितीय गणना के माध्यम से (Indian astrology predictions) किसी भी व्यक्ति के जीवन में वर्तमान, भूतकाल और भविष्यकाल में घटने वाली घटनाओं के बारे में जानकारी देता है.
प्राचीन काल में भारतीय ज्योतिषी ग्रह, नक्षत्र और अन्य खगोलीय पिण्डों की गणना कर भविष्यवाणियां करते थे. यूं तो ज्योतिष शास्त्र बहुत वृहद है और इसमें ना केवल ज्योतिष का बल्कि वेदांग ज्योतिष, सिद्धांत ज्योतिष या गणित ज्योतिष (Theoretical astronomy), फलित ज्योतिष (Astrology), अंक ज्योतिष (numerology) व खगोल शास्त्र का (numerology) ज्ञान होता है.
यहां हम फलित ज्योतिष की चर्चा करते हुए ज्योतिष में कुंडली और (9 planets in astrology) ग्रह के बारह भाव और प्रत्येक भाव में नौ ग्रहों, सूर्य, गुरु, शनि, मंगल, बुध, चंद्रमा, शुक्र और राहु, केतु के कुंडली में भावों के फल के (jyotish navgrah name in hindi) बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे.
कुंडली में प्रत्येक 12 भाव में 9 ग्रहों का फल जानने के लिए इन Links पर क्लिक करें.
ज्योतिष: कुंडली के 12 भावों में सूर्य ग्रह का फल और महत्व
ज्योतिष: कुंडली के 12 भावों में गुरु ग्रह का फल और महत्व
ज्योतिष: कुंडली के 12 भावों में शनि ग्रह का फल और महत्व
ज्योतिष: कुंडली के 12 भावों में मंगल ग्रह का फल और महत्व
ज्योतिष: कुंडली के 12 भावों में शुक्र का फल और महत्व
ज्योतिष: कुंडली के 12 भावों में चंद्र ग्रह का फल और महत्व
ज्योतिष: कुंडली के 12 भावों में बुध ग्रह का फल और महत्व
ज्योतिष: कुंडली के 12 भावों में राहु ग्रह का फल और महत्व
ज्योतिष: कुंडली के 12 भावों में केतु ग्रह का फल और महत्व