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18 जुलाई से और भी बढ़ जाएगी महंगाई, जीएसटी के नए नियम खाली करेंगे आपकी जेब

gst new rate

18 जुलाई 2022 के बाद से महंगाई और भी बढ़ने वाली है. 18 जुलाई से जीएसटी के नए रेट (GST New Rate 2022) लागू किए जाएंगे जिसके चलते सबसे ज्यादा महंगे खाने-पीने के सामान होने वाले हैं. आटे से लेकर हॉस्पिटल के बिल तक सबकुछ महंगा होने वाला है.

जीएसटी दरों में होगा बदलाव (GST New Rate 2022) 

GST Council की ओर से जारी नियमों के अनुसार 18 जुलाई से कई चीजों पर जीएसटी के रेट बढ़ा दिये जाएंगे जिसके  बाद वे चीजे महंगी हो जाएगी. महंगी होने वाली चीजों में अधिकांश चीजे खाने-पीने की और एक आम व्यक्ति के रोजाना जरूरत की है. ऐसे में आपकी जेब पर तगड़ा झटका लग सकता है.

28 और 29 जून को जीएसटी काउंसिल की बैठक में बताया गया था कि जिन चीजों पर जीएसटी चार्ज किया जाता है. उनके विभिन्न समूह के दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए दिये गए सुझावों को स्वीकार कर लिया गया है. कई चीजों के जीएसटी दरों में बदलाव किया जाएगा और ये  बदलाव 18 जुलाई से प्रभावी होंगे.

क्या होगा महंगा? (GST New Rate 2022) 

जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार जिन प्रॉडक्ट पर जीएसटी रेट बढ़ाए जाएँगे वो अधिकतर फूड आइटम है. जीएसटी काउंसिल की बैठक में डिब्बाबंद या लेबल लगे खाद्य पदार्थ जैसे दही, लस्सी, पनीर, शहद, मटर, सूखा मखाना, गेहूं, मुरमुरे, आदि है. मतलब जो भी खाद्य पदार्थ सीलबंद पैकेट में मिलते हैं वो सब महंगे होने वाले हैं. लेकिन जो खुले में बिकते हैं उन पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा.

अस्पताल का बिल भी होगा महंगा (GST New Rate Effect) 

जीएसटी के बढ़े हुए रेट का असर अस्पताल और होटल के बिल पर भी होगा. यदि आप अस्पताल में पाँच हजार रुपये से अधिक का कमरा लेते हैं तो बुक कराने पर आपको जीएसटी चार्जेस देने होंगे. हालांकि ये चार्जेस आईसीयू पर मान्य नहीं रहेंगे.

इसके अलावा यदि आप 1000 रुपये से अधिक किराए वाले किसी होटल में रूम बुक करके ठहरते हैं तो आपको उस पर भी 12 प्रतिशत जीएसटी चुकनी पड़ेगी. मतलब होटल बुक करना भी जीएसटी के चलते महंगा हो जाएगा और अस्पताल में भर्ती होना भी.

इन चीजों पर भी लगेगी ज्यादा जीएसटी

जीएसटी काउंसिल की बैठक में कुछ और चीजों पर भी जीएसटी रेट बढ़ाने का फैसला लिया गया है.

– एलईडी लैंप पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है.

– धारदार चाकू, कागज काटने वाला चाकू, पेंसिल का शार्पनर पर भी अब 18 प्रतिशत जीएसटी चुकाना होगा.

– प्रिंटिंग और ड्राइंग में इस्तेमाल होने वाली इंक और मार्किंग प्रोडक्टस भी 18 प्रतिशत जीएसटी के साथ आएंगे.

– सौर ऊर्जा से चलने वाला हीटर पर भी अब 12 प्रतिशत जीएसटी लगाई जाएगी जो पहले 5 प्रतिशत थी.

– शवदाहगृह, सड़क, मेट्रो, पुल, रेलवे और वेस्ट प्रोसेसिंग मशीन लगाने का काम करवाने के लिए भी 18 प्रतिशत जीएसटी  चुकाना होगा.

क्या सस्ता हुआ?

ऐसा नहीं है कि इस मीटिंग में सबकुछ महंगा ही किया गया है. इसमें कुछ चीजों पर से जीएसटी के रेट कम भी किए गए हैं.

– रोपवे के जरिये वस्तुओं और यात्रियों के परिवहन पर जीएसटी को घटकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है.

– मेडिकल सर्जरी से जुड़े उपकरणों पर लगने वाली जीएसटी को कम करके 5 प्रतिशत किया गया है.

– मालवाहक वाहनों और उनके ईधन पर जीएसटी को कम करके 12 प्रतिशत किया गया है.

इस बार जो जीएसटी रेट बढ़ाए गए हैं उनका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला है क्योंकि जिन चीजों पर जीएसटी को बढ़ाया गया है उनका कंज़्यूमर एक आम आदमी ही है. हम दिनभर में कितनी ही सीलबंद चीजे खरीदते हैं. दूध से लेकर चिप्स तक ये सब महंगा होने वाला है.

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By रवि नामदेव

युवा पत्रकार और लेखक

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