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कैसे हुई दुनिया की सबसे बड़ी चोरी, ट्रक में भरकर ले गए 7500 करोड़?

दुनिया में चोरी और डकैती करने के लिए लोग नए-नए रास्ते ढूंढते हैं. आपने भी न्यूज़पेपर और न्यूज़ चैनल पर चोरी और डकैती से जुड़ी कई खबरे पढ़ी और देखी होंगी. कभी कोई किसी को चलते हुए लूट लेता है तो कभी कोई पूरी प्लानिंग के साथ बैंक लूट लेता है. लेकिन ये सब कुछ करोड़ों की चोरी तक ही होती है. इस दुनिया में एक चोरी सबसे बड़ी है (World Biggest Robbery) जो 7500 करोड़ से भी ज्यादा रुपये की हुई है.

दुनिया की सबसे बड़ी डकैती (World Biggest Money Heist?)

दुनिया की जिस सबसे बड़ी डकैती की बात हम कर रहे हैं वो न तो भारत में हुई है, न तो पाकिस्तान में हुई है और न ही अमेरिका में हुई है. दरअसल ये चोरी इराक में हुई थी. इस चोरी को दुनिया की सबसे बड़ी चोरी कहा जाता है क्योंकि इसमें करीब 7500 करोड़ रुपये दिन-दहाड़े एक देश की केन्द्रीय बैंक से ट्रक में भरकर ले जाये गए थे. और खास बात तो ये है की इस पूरी चोरी में न ही किसी व्यक्ति की हत्या हुई और न ही किसी के साथ कोई मारपीट हुई. अब आप सोच रहे होंगे कि बिना मर्डर और मारपीट के इतनी बड़ी डकैती को कैसे अंजाम दिया.

18 साल पहले हुई थी चोरी (Bagdad Central Bank Robbery story)

दरअसल जिस चोरी की बात हम कर रहे हैं वो चोरी 18 साल पहले ईरान में हुई थी. उस समय वहाँ के राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन हुआ करते थे. अगर आप साल 2003 में थोड़े समझदार थे तो आप जानते ही होंगे कि सद्दाम हुसैन देश के कितने बड़े तानाशाह हुआ करते थे. सद्दाम हुसैन और किम जोंग में काफी समानता थी. उन्हीं के देश में इतनी बड़ी चोरी को दिन-दहाड़े अंजाम दिया गया था.

अमेरिका और इराक की दुश्मनी (America Attack on Iran)

अमेरिका और इराक उस समय दुश्मन हुआ करते थे. उस समय अमेरिका ने इराक पर हमले की पूरी तैयारी कर ली थी. और डकैती के कुछ घंटे बाद ही अमेरिका ने हमला किया भी. अमेरिका ने उसी दिन इराक पर खूब बमबारी की थी और सद्दाम हुसैन पर शिकंजा कसा था. ये चोरी अमेरिकी हमले के कुछ समय पहले हुई थी.

कैसे हुई दुनिया की सबसे बड़ी डकैती (Story of world biggest bank robbery?)

दुनिया की सबसे बड़ी डकैती को अंजाम किसी और ने नहीं बल्कि सद्दाम हुसैन के बेटे कुसय ने अंजाम दिया था. दरअसल सद्दाम हुसैन के बेटे कुसय ने बगदाद में जो इराक़ी सेंट्रल बैंक है वहाँ जाकर बैंक के प्रमुख को एक पर्ची थमाई. उस पर्ची पर लिखा था “सुरक्षा कारणों से बैंक के सभी पैसों को राष्ट्रपति ने दूसरी सुरक्षित जगह पर ले जाने का आदेश दिया है.”

उस समय सद्दाम हुसैन से पूरा देश डरता था. बैंक में पर्ची सद्दाम हुसैन का बेटा लाया था तो बैंक प्रमुख ने कुछ नहीं बोला और पैसे ले जाने की अनुमति दे दी. क्योंकि बैंक प्रमुख को लगा अगर उसने आदेश नहीं माना तो सद्दाम उसे जिंदा नहीं छोड़ेंगे. इसलिए उसके पास कोई विकल्प नहीं था.

ट्रकों में भरकर ले गए 7500 करोड़ (World biggest bank robbery in Iran?)

सद्दाम हुसैन के बेटे कुसय पैसे ले जाने के लिए कई सारे ट्रक लेकर आया था. उसने बैंक कर्मचारियों की ही मदद से सारे पैसे ट्रक में लोड करवाए. इस काम में करीब 5 घंटे का समय लगा था. इतना पैसा भरने के बाद भी बैंक में और पैसा बचा था लेकिन कुसय के ट्रक में जगह नहीं थी. जिस वजह से उसने बाकी पैसा बैंक में ही छोड़ दिया.

सद्दाम को नहीं थी जानकारी!

सद्दाम की पीठ पीछे इतना कुछ हो गया लेकिन सद्दाम को इसकी कोई जानकारी नहीं थी. बताया जाता है कि कुसय ने जो पैसा लूटा था वो सद्दाम के पास आया ही नहीं. लेकिन कई सारी मीडिया रिपोर्ट्स ये भी कहती है कि सद्दाम ने सारा पैसा सीरिया भेज दिया था ताकि अमेरिकी हमले में अमेरिका उस पैसे को जब्त न कर सके.

अमेरिका ने किया हमला

चोरी के बाद ही अमेरिकी सेना ने इराक पर बमबारी करना शुरू कर दिया था. अमेरिकी सेना ने सेंट्रल बैंक पर भी कब्जा कर लिया लेकिन जब उन्हें पता चला की यहाँ का अधिकतर पैसा कहीं और जा चुका है तो उन्होने सद्दाम के महल और पूरे इराक में खोज शुरू कर दी. इसके बाद बड़ी मात्रा में कैश मिला लेकिन चोरी की एक बड़ी रकम का हिस्सा आज भी वो नहीं ढूंढ पाये हैं.

अब इस चोरी के पीछे सिर्फ सद्दाम का हाथ था या उसके बेटे का इस बात की जानकारी तो किसी को नहीं है. क्योंकि हो सकता है कि सद्दाम को ये खबर लगी हो कि अमेरिका उस पर हलमा करने वाला है इसलिए उसने सारे पैसों को ठिकाने लगा दिया हो ताकि वो अमेरिकी सेना के कब्जे में न आए. लेकिन दुनिया की इतनी बड़ी चोरी काफी आराम से और बिना मर्डर और मारपीट के हो गई.

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